सौम्या ज्योत्स्नाः देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से पद्म पुरस्कार को तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री में विभाजित किया गया है। साल 2020 में कुल 141 लोगों को पद्म सम्मान से नवाजा गया है, जिसमें सात पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्मश्री सम्मान शामिल हैं। साथ ही इस लिस्ट में 33 महिलाएं हैं।
इन्हीं महिलाओं में से पद्म भूषण पुरस्कार पाने वाली महिला का नाम सुश्री कृष्णम्मल जगन्नाथन है। वे तमिलनाडु में निवास करती हैैं।
कृष्णम्मल जगन्नाथन एक जिंदादिल महिला
कृष्णम्मल जगन्नाथन 94 साल की जिंदा दिल महिला हैं। वे लैंड फॉर टिलर्स फ्रीडम (LAFTI) नामक एनजीओ की मुखिया हैं। यह एनजीओ पिछड़ी जाति की महिलाओं और उनके परिवारों के लिए कार्य करता है। उनका जन्म 16 जून 1926 को हुआ था। उनके घर की माली हालत ठीक नहीं थी क्योंकि वह एक दलित समुदाय में जन्मी थीं, मगर उनके घरवालों को शिक्षा का महत्व पता था इसलिए उन्होंने कृष्णम्मल को ग्रेजुएशन तक शिक्षित किया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे गांधी के सर्वोदय आन्दोलन से जुड़ गईं। जहां उनकी मुलाकात अपने जीवनसाथी से हुई और उन्होंने भी कृष्णम्मल का हर कदम में साथ दिया।
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LAFTI कुटीर द्वारा दलितों को
कृष्णम्मल द्वारा संचालित एनजीओ भूमिहिन मज़दूरों और किसानों को ज़मीन के मालिकों से जोड़ने का प्रयास करता है ताकि लोग अपना काम कर सकें। अभी तक लगभग 14,000 से अधिक लोग ज़मीन का लाभ भी ले चुके हैं। साथ ही एनजीओ LAFTI कुटीर उद्योगों के संचालन में सहायता प्रदान करता है, जिसमें रस्सी बटना, लकड़ी का काम और मछलियां पकड़ना आदि शामिल हैं। यहां दलित और पिछड़े समुहों की लड़कियों के लिए कंप्यूटर ट्रेनिंग भी करवाई जाती है।
पी.वी. सिंधु का शौर्य
पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त करने वाली दूसरी महिला का नाम पुसर्ला वेंकट सिंधु है, जिन्हें लोग पी.वी. सिंधु के नाम से जानते हैं। सिंधु खेल जगत में एक जाना-पहचाना नाम है। उनका जन्म 5 जुलाई 1995 को पूर्व वालीबॉल खिलाड़ी पी.वी. रमण और पी. विजया के घर हुआ था। सिंधु के माता-पिता दोनों पेशेवर वालीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि शुरु से ही सिंधु के घर खेल का माहौल रहा है, जिसने सिंधु को सफलता के शीर्ष पर पहुंचने में मदद की, मगर सिंधु की मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
बनी सबसे ज्यादा सर्च होने वाली खिलाड़ी
सिंधु ने महबूब अली के मार्गदर्शन में बैडमिंटन की बुनियादी बातों को सीखा था। उसके बाद पुलेला गोपीचंद के सानिध्य में उन्होंने अपनी कामयाबी की कहानी को गढ़ना शुरु किया, जो एक चीख से शुरु होती है। अपने नरम स्वभाव के कारण सिंधु बेहद शांत रहा करती थीं, जिसे उनके कोच ने बैडमिंटन कोर्ट के बीचों-बीच चीखने पर मजबूर करके निकाला था। “महिला एकल बैडमिंटन” के सेमीफाइनल में नोजोमी ओकुहारा को हराने के बाद सिंधु गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली भारतीय खिलाड़ी बनी थीं। सिंधु की झोली में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, पद्मश्री, अजुर्न अवार्ड भी शामिल हैं।
महिलाओं को हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए आज़ाद होने की बहुत ज़रुरत होती है। साथ ही एक सफल मार्गदर्शन भी महिलाओं को ऊंचाईयों को छूने के लिए प्रेरित करता है।