नई दिल्ली : कल(बुधवार) से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी पर ही बहस जारी है और विपक्ष लगातार सरकार पर नोटबंदी पर हमले कर रहा है. आज राज्यसभा में विपक्ष ने जोरदार नारे लगाकर मांग की कि पीएम मोदी सदन में आकर चर्चा सुनें और उनके सवालों के जवाब दें.
हालांकि सरकार की ओर से कहा जा चुका है कि वित्त मंत्री नोटबंदी पर सभी सवालों के जवाब देंगे लेकिन विपक्षी पार्टियां पीएम मोदी से जानना चाहती हैं कि उन्होंनें देश को इस आर्थिक अव्यवस्था के जाल में क्यों फंसा दिया है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है.
कल लोकसभा शुरू होते ही दिवंगत सासंदों को श्रद्धांजलि देने के बाद दिन भर के लिए स्थगित हो गई थी लेकिन विपक्ष ने 21 स्थगन प्रस्ताव रखे और वो चाहते थे कि दैनिक कार्यवाही के बजाए इन प्रस्तावों पर वोटिंग होनी चाहिए. हालांकि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब तक सांसदों का शोरशराबा बंद नहीं होगा चर्चा नहीं होगी. इसके बाद भी सांसदों का हंगामा जारी रहा और सदन को स्थगित कर दिया गया.
आज केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि सरकार कांग्रेस समेत विपक्ष के सारे सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है लेकिन कांग्रेस को भी साफ करना होगा कि वो सरकार के फैसले के साथ है या नहीं. सवालों का जवाब मिल जाएगा. तृणमूल कांग्रेस के अलावा किसी और विपक्षी पार्टी ने नोटबंदी का फैसला वापस लेने की मांग नहीं की है. लेकिन सारे विपक्ष ने सामूहिक तौर पर सरकार के नोटबंदी के ऐसे तरीके की आलोचना की है जिसकी वजह से आम जनता को घंटों बैंकों के बाहर लंबी लाइनों में खड़े रहना पड़ रहा है.
इसके अलावा विपक्ष का ये भी आरोप है कि सरकार ने नोटबंदी की जानकारी बीजेपी के दोस्तों को लीक कर दी थी और इसकी जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) से जांच होनी चाहिए. हालांकि सरकार ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि नोट बैन की सूचना किसी को भी पहले से थी. बल्कि पीएम मोदी के अचानक इस ऐलान की वजह से ही दिक्कतें आ रही हैं. किसी को भी इस खबर की पहले से जानकारी नहीं थी.
सरकार के मुताबिक सरकार का ये कदम भ्रष्टाचार और काले धन को खत्म करने के लिए लिया गया है और देश के हित में है. कोई भी ईमानदार टैक्स पेयर 1 पैसे का भी नुकसान नहीं उठाएगा. सिर्फ काला धन वालों को इसका नुकसान होगा और आतंकवादी संगठनों के लिए इससे पैसा पाने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का शीत सत्र शुरु होने से पहले उम्मीद जताई थी कि सदन में अच्छी बहस होगी और मुख्य मुद्दों पर अच्छी चर्चा करेंगे. पीएम मोदी का कहना था कि संसद में जीएसटी के आगे की राह पर सकारात्मक चर्चा होगी जो देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म का नियम है.