नई दिल्ली : आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद ‘संदिग्ध’ नकदी जमा करने वाले 18 लाख लोगों की पहचान की है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद 5 लाख रुपये से अधिक की नकदी जमा की है।
आयकर विभाग ऐसे लोगों को ई-मेल और एसएमएस भेजकर उनके धन के स्रोतों के बारे में स्पष्टीकरण मांगेगा। इन लोगों को कर विभाग से किसी नोटिस या आगे प्रवर्तन कार्रवाई से बचने के लिए 10 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। विभाग ने आज ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ परियोजना शुरू की जिसके तहत सीबीडीटी डेटा विश्लेषण और आयकर दाताओं के प्रोफाइल तैयार कर उन लोगों को ई-मेल भेजेगा जिनकी 8 नवंबर के बाद नकदी जमा उनकी आय से मेल नहीं खाती हैं।
आयकर विभाग ने आज ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ परियोजना शुरू की है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि ऑपरेशन क्लीन मनी (स्वच्छ धन अभियान) एक प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल सभी तरह के जमा पर जवाब प्राप्त करने के लिए किया जाएगा और लोगों से प्रारंभिक जवाब मिलने के बाद ही यदि जरूरत पड़ी तो हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन सुशील चन्द्र ने कहा कि इन ई-संचार पर जवाब देने के लिए लोगों को 10 दिन का समय दिया जाएगा और ये जवाब आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर दाखिल किए जा सकते हैं।
सुशील चन्द्र का कहना है कि शुरुआती चरण में हम उन लोगों के डेटा खंगालेंगे जिन्होंने 8 नवंबर के बाद 5 लाख रुपये या इससे अधिक नकदी जमा की और तीन लाख रुपये से पांच लाख रुपये के बीच संदिग्ध प्रकृति की नकदी जमा की और उनका कर अनुपालन का रिकार्ड खराब रहा है।’ शुरुआत में इसके तहत 18 लाख करदाता आएंगे जिनके डेटा ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। इन लोगों को जवाब दाखिल करते समय कर विभाग को जमा के स्रोतों के बारे में बताना होगा।
कर विभाग ने इसके तहत भारी भरकम आंकड़े जुटाए हैं जिससे पता चलता है कि ऐसे एक करोड़ से अधिक खाते हैं जिसमें दो लाख रुपये से अधिक रकम जमा की गई है और इसमें 70 लाख लोगों के पैन नंबर हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने इन आंकड़ों का आय, कारोबार और आयकर डेटा बैंक के पास उपलब्ध विवरणों से मिलान किया है। पहले चरण में जहां खाते में जमा हमारे आंकड़ों से मेल नहीं खाती है, हम उन्हें अपने ई-फाइलिंग पोर्टल पर डाल रहे हैं और आय के स्रोत की जानकारी मांग रहे हैं।’ चन्द्र ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य करदाता को किसी तरह की परेशानी से बचाना है ताकि उन्हें कार्यालय आने की जरूरत न पड़े और ऑनलाइन सत्यापन पूरा हो जाए।
अधिया ने कहा कि स्वच्छ धन अभियान यह सुनिश्चित करेगा कि करदाताओं और विभाग के अधिकारियों के बीच कोई व्यक्तिगत संपर्क न हो क्योंकि सवाल ऑनलाइन पूछे जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि इंस्पेक्टर राज की वापसी होगी क्योंकि कर विभाग के पास सभी जमा के बारे में आंकड़े होंगे। लेकिन नया प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर विमुद्रीकरण की अवधि के दौरान सभी बैंक जमा का ई-सत्यापन करेगा।’
इस अभियान के शुरुआती चरण में 9 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 के बीच जमा की गई नकदी का ई-सत्यापन किया जाएगा। ऑनलाइन जवाब दाखिल करने में किसी तरह की दिक्कत आने पर 1800-4250-0025 पर हेल्प डेस्क से संपर्क किया जा सकता है।