नई दिल्ली : अब तक डॉक्टरों द्वारा दावा किया जा रहा था कि चिकनगुनिया से मौत का खतरा नहीं है लेकिन राजधानी दिल्ली में ही एक मामला सामने आया है जिसमें चिकनगुनिया से व्यक्ति की मौत हो गई है.
65 साल के आर पांडे को चिकनगुनिया हुआ था जिसका इलाज सर गंगाराम अस्पताल में चल रहा था. सोमवार तड़के आर पांडे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. मच्छर जनित चिकनगुनिया से होने वाली राजधानी में ये पहली मौत है. आपको बता दें, अब तक चिकनगुनिया को गैर जानलेवा माना जाता रहा है.
अस्पताल के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि सुबह चार बजे पांडे की मौत हो गई है. पांडे जी को शनिवार की रात साढ़े दस बजे गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल से नाजुक स्थिति में यहां लाया गया था और आईसीयू में भर्ती किया गया था. मौत की वजह चिकनगुनिया और शरीर पर हुए घावों के संक्रमण बताया जा रहा है.
अधिकारियों का कहना है कि मरीज की मौत आईसीयू में हुई है. सर गंगाराम अस्पताल में आरटी-पीसीआर पद्धति से चिकनगुनिया के लिए किया गया उनका टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था और शरीर में विषाणुओं की काफी संख्या थी.
वहीं एम्स अस्पताल में भी चिकनगुनिया से एक मौत की खबर आ रही है लेकिन इसकी अभी अस्पताल प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है. एम्स के प्रवक्ता अमित गुप्ता ने कहा, ‘हमने मौत की वजह चिकनगुनिया होने की अब तक पुष्टि नहीं की है. हम ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन तब तक यह एक संदिग्ध मामला है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एम्स. में चिकनगुनिया से पहले भी एक मौत हो चुकी है और सितंबर महीने पांच लोग डेंगू की वजह से मर चुके हैं.
राजधानी में चिकनगुनिया के मामले इस मौसम में तेजी से बढ़कर 1,000 से अधिक पहुंच गए हैं. पिछले एक सप्ताह में चिकनगुनिया के मामले में करीब 90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
सोमवार को जारी नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 सितंबर तक इस मच्छर जनित बीमारी के कम से कम 1,057 मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि शहर के अस्पताल इससे कहीं बड़ी संख्या होने की बात कह रहे हैं. एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के ललित डार ने कहा कि हमारी प्रयोगशालाओं में पिछले दो महीनों में रक्त के 1,360 नमूनों में चिकनगुनिया के विषाणु पाए गए. ये मामले बढ़ रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं.