नई दिल्ली : चिकुनगुनिया एक तरह का वायरल बुखार है जो कि मच्छरों के काटने से फैलता है। चिकुनगुनिया अल्फावायरस के कारण होता है जो मच्छरों के काटने के दौरान मनुष्यों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। चिकुनगुनिया में जोड़ों में दर्द , सिर दर्द , उल्टी और जी मिचलाने के लक्षण उभर सकते हैं । चिकुनगुनिया के उपचार के लिए कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिनका इस्तेमाल कर चिकुनगुनिया से खुद को बचाया जा सकता है।
तुलसी और अजवायन चिकुनगुनिया के उपचार के लिए अच्छी घरेलू औषधि हैं। उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीना चाहिए। तुलसी का काढ़ा और उसकी पत्तियों को उबालकर पीने से राहत मिलती है।
पपीते की पत्तियां न सिर्फ डेंगू बल्कि चिकुनगुनिया में भी उतनी ही प्रभावी है। उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें। दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें।
लहसुन और सजवायन की फली चिकुनगुनिया के इलाज के लिए बहुत बढ़िया है। किसी भी तेल में लहसुन और सजवायन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें। इससे रोग में काफी जल्दी राहत मिलती है।
कच्ची गाजर खाना भी चिकुनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है साथ ही जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है। लेकिन इन सभी घरेलू औषधियों का प्रयोग किसी योग्य चिकित्सक के देखरेख में ही किया जाना चाहिए।