नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे काले धन को रोकने के लिए सरकार विषेष जांच दल (एसआईटी) की सिफारिश के मद्देनज़र तीन लाख रुपए से ज्यादा के नगद लेन-देन पर बैन लगाने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कालाधन की जांच को लेकर नियुक्त एसआईटी ने 3 लाख से ज्यादा के नगद लेन-देन पर बैन लगाने की सिफारिश की थी. साथ ही कानून का उलंघ्घन करने पर सजा के प्रावधान की अपील भी एसआईटी ने की थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सुत्रों के हवाले से लिखा है कि एसआईटी ने नगदी रखने की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपए तय करने की भी सिफारिश की थी. हालांकि इस पर फैसला करना बाकी है. एक अधिकारी का कहना है कि डर इस बात का है कि कहीं इससे टैक्स अधिकारियों को प्रताड़ना का सामना न करना पड़े.
सरकार तीन लाख से ज्यादा के नगद लेन-देन पर बैन लगाने पर इसलिए विचार कर रही है ताकि क्रेडिट या डेबिट कार्ड्स और चेक या ड्राफ्ट्स के जरिए लेन-देन हो सके. साथ ही इसका आसानी से पता भी लगाया जा सके.
गौर हो कि कालाधन को लेकर चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मई 2014 में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम.बी.शाह इसके अध्यक्ष हैं, जबकि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरिजित पसायत उपाध्यक्ष हैं. कुल 11 एजेंसियां उसके तहत काम कर रही हैं.