Patna/ new delhi ; कल जब नीतीश ने शपथ लिया तो ये सवाल उठने लगा कि, नीतीश उपराष्ट्रपति चुनाव में किसके साथ जायेंगे इन तमाम अटकलों पैर विराम लगते हुए नीतीश ने साफ़ केर दिया की वो गोपाल कृष्ण गाँधी को ही साथ देंगे
सूत्रों का कहना है कि गांधी को समर्थन देने के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा। नीतीश का कहना है कि दो मामलों को नहीं मिलाया जाना चाहिए। जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने बताया,’नीतीश जी ने हमेशा कहा है कि पार्टी की बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग भूमिका है। बीजेपी के साथ गठबंधन राज्य की भलाई के लिए किया गया है पर पार्टी ने गांधी को उनकी योग्यता और पहचान के लिए समर्थन दिया है। इसलिए इस फैसले में बदलाव लाने की कोई वजह नहीं है।’
सूत्र ने बताया कि जब राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश ने रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया था तब उन्होंने RJD और कांग्रेस को कहा था कि उन्होनं सिर्फ राज्य के मामलों के लिए उनसे गठबंधन जोड़ा है लेकिन इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर नहीं होगा।