पटना। बिहार से इस समय एक बड़ी खबर आ रही है। नीतीश कुमार आज सुबह 10 बजे ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और एनडीए की सरकार बनाएँगे।
देर रात नीतीश कुमार, सुशील मोदी और जीतनराम मांझी ने राज्यपाल से मिल सरकार बनाने का दावा पेश किया। आज होने वाले शपथग्रहण में नीतीश कुमार और सुशील मोदी ही शपथ लेंगे।
नीतीश को लग गई थी भनक, लालू कर रहे थे ये काम
शुक्रवार 28 जुलाई को नीतीश विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे। चार साल बाद बिहार में फिर जदयू-भाजपा की सरकार बन रही है। शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी के भी शामिल होने की संभावना है।
बता दें कि पिछले कई दिनों से चल रहे घमासान के बीच नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ 20 महीने पुराने महागठबंधन से खुद को अलग करते हुए नीतीश ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
नीतीश के इस्तीफे की घोषणा के कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा भी कर दी है। इस्तीफे की घोषणा के कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नीतीश को बधाई दी।
जानिए नीतीश कुमार के वे फैसले, जिसने राजनीति में उथल-पुथल मचा दी
मोदी ने ट्वीट किया, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई। सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं। देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक होकर लड़ना, आज देश और समय की मांग है।
नीतीश ने भी जवाबी ट्वीट कर मोदी का धन्यवाद व्यक्त किया।
इस बीच नीतीश के साथ गठबंधन सरकार में उप-मुख्यमंत्री रह चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में भाजपा शामिल होगी।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में नीतीश के नेतृत्व में अगर कोई भी सरकार बनती है, तो भाजपा उसका समर्थन करेगी। भाजपा विधानमंडल दल नीतीश कुमार को बतौर नेता विश्वास प्रकट करती है।
नीतीश ने कहा कफन में जेब नहीं होती
सुशील ने बताया कि इसकी सूचना टेलीफोन के जरिए नीतीश कुमार को भी दे दी है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा भी सरकार में शामिल होगी।उन्होंने बताया कि जल्द ही इस फैसले से राज्यपाल को भी अवगत करा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश ने कहा कि जितना संभव हो सका, उन्होंने गठबंधन धर्म का पालन करने की कोशिश की, लेकिन बीते घटनाक्रम में जो चीजें सामने आईं उसमें काम करना मुश्किल हो गया था।
नीतीश ने कहा, मैंने इन 20 महीनों में जितना हो सका, सरकार चलाने की कोशिश की। लेकिन इस बीच जो हालात बने, जिस तरह की चीजें उभरकर सामने आईं, उसमें काम करना, नेतृत्व करना संभव नहीं रह गया था।
सोनिया-राहुल को भी नहीं थी सीएम नीतीश के इस कदम की उम्मीद!
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राजद नेता तेजस्वी यादव प्रकरण पर नीतीश ने कहा, हमने कभी किसी का इस्तीफा नहीं मांगा था, बल्कि उनका पक्ष मांगा था। मैंने कहा कि जो भी आरेाप लगे हैं, उसे एक्सप्लेन कीजिए। वो नहीं हुआ। जब मुझे ऐसा लग गया कि वे कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में मैं तो जवाब नहीं दे सकता। मैं सरकार का नेतृत्व कर रहा हूं। लेकिन सरकार के अंदर के व्यक्ति के बारे में कुछ बातें कही जाती हैं और मैं उस पर कहने की स्थिति में नहीं हूं तो ऐसी स्थिति में इस सरकार को चलाने का, मेरे हिसाब से कोई आधार नहीं है।
नीतीश ने कहा कि उन्होंने अंतर्रात्मा की आवाज पर अपना इस्तीफा दिया है। पूरे माहौल को देखने के बाद, मुझे लगा कि मेरे जैसे व्यक्ति के लिए..यह मेरे अंतर्रात्मा की आवाज है।
नीतीश ने नोटबंदी और राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के पक्ष पर सवाल उठाए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, हमने नोटबंदी का समर्थन किया, तब हम पर सवाल उठाए गए। हमारे बिहार के राज्यपाल राष्ट्रपति बनने वाले थे, हमने उनका समर्थन किया, तब भी हम पर सवाल उठाए गए। इस तरह काम करना मेरे स्वभाव के विपरीत है।