पटना| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अपना मंत्रिमंडल विस्तार किया। राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने शनिवार को 27 विधायकों और विधानपार्षदों को मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोटे से 12, जनता दल (युनाइटेड) से 14 और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से एक विधायक और विधान पार्षद को जगह दी गई है।
नीतीश के मंत्रिमंडल में एकबार फिर राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को शामिल किया गया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है। इस मंत्रिमंडल में सिर्फ एक महिला मंजू वर्मा को शामिल किया गया है।
लोजपा कोटे से मंत्री बने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। मंत्री बने रहने के लिए छह माह के अंदर उन्हें किसी एक सदन का सदस्य बनना होगा। पारस केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई हैं।
बिहार राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। जद (यू) कोटे से बने 14 मंत्रियों में दो नए चेहरे हैं, शेष पुराने मंत्रियों को ही मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। मंत्रिमंडल में शामिल एक मात्र महिला मंजू वर्मा भी जद (यू) की विधायक हैं, जबकि खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम एक मात्र अल्पसंख्यक चेहरा हैं।
मंत्रिमंडल में स्थान पाए भाजपा के मंगल पांडेय शाम पांच बजे शपथ ग्रहण नहीं कर सके थे, क्योंकि वह पटना से बाहर थे। बाद में राज्यपाल ने उन्हें शाम 8.15 बजे राजभवन में दरबार हॉल में मंत्री पद की गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राजग के कई नेता उपस्थित रहे।
नीतीश मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेताओं को जगह नहीं दी गई है।
महागठबंधन में विवाद के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को इस्तीफा देकर महागठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी थी। इसके अगले दिन नीतीश ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के समर्थन से छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शुक्रवार को बिहार में राजग की नई सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल किया था।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री ने विभागों का बंटवारा भी कर दिया। नीतीश मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री का दायित्व संभाल रहे सुशील कुमार मोदी को वित्त, वाणिज्य कर और वन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि विजेंद्र प्रसाद यादव को एकबार फिर ऊर्जा विभाग का दायित्व सौंपा गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे प्रेम कुमार को कृषि विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मंगल पांडेय को स्वास्थ्य विभाग, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को एकबार फिर जल संसाधन, योजना विकास का दायित्व सौंपा गया है, जबकि भाजपा नेता नंद किशोर यादव को पथ निर्माण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य विभाग, रामनारायण मंडल को राजस्व, भूमि सुधार, जय कुमार सिंह को उद्योग, विज्ञान प्रौद्यौगिकी तथा प्रमोद कुमार को पर्यटन विभाग का जिम्मा सौंपा गया है।
इसी तरह, शिक्षा विभाग का मंत्री कृष्णनंदन वर्मा को बनाया गया है, जबकि भवन निर्माण विभाग का मंत्री महेश्वर हजारी को तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की जिम्मेदारी विनोद नारायण झा को सौंपी गई है। इसके अलावा शैलेश कुमार को ग्रामीण कार्य विभाग, सुरेश शर्मा को नगर विकास एवं आवास, मंजू वर्मा को समाज कल्याण विभाग, विजय सिन्हा को श्रम संसाधन विभाग, संतोष निराला को परिवहन विभाग तथा राणा रणधीर को सहकारिता जैसे अहम विभाग दिए गए हैं।
नीतीश मंत्रिमंडल में एकमात्र अल्पसंख्यक चेहरा खुर्शीद उर्फ फिरोज को अल्पसंख्यक कल्याण और गन्ना उद्योग विभाग, विनोद सिंह को खान एवं भूतत्व, मदन सहनी को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, कृष्ण कुमार ऋषि को कला संस्कृति विभाग, कपिल देव कामत को पंचायती राज विभाग, दिनेश चंद्र यादव को लघु सिंचाई एवं आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
इसके साथ ही रमेश ऋषिदेव को अनुसूचित जनजाति, कल्याण विभाग, बृज किशोर बिंद को पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा विभाग तथा पशुपति पारस को पशु एवं मत्स्य संसाधन का दायित्व सौंपा गया है। इसके अलावा सभी विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास रखे हैं।