नई दिल्ली : सॉफ्टबैंक के अध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी निकेश अरोड़ा ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. लेकिनवे एक साल तक वह कंपनी में सलाहकार की भूमिका निभाते रहेंगे. 48 साल के अरोड़ा का जन्म भारत में हुआ है.
सॉफ्टबैंक ने एक बयान में बताया कि अरोड़ा का इस्तीफा 22 जून से मान्य होगा. वह सॉफ्टबैंक ग्रुप के प्रतिनिध निदेशक, अध्यक्ष एवं मुख्य परिचालन अधिकारी का पद संभाल रहे थे.जापान की टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी में निकेश का इस्तीफा 36वीं वार्षिक आम सभा में 22 जून को स्वीकार कर लिया जाएगा. अरोड़ा ने एक ट्वीट में कहा कि वह कंपनी में सलाहकार की भूमिका निभाएंगे, जो 1 जुलाई से प्रभावी होगा. बताया जा रहा है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले बैंकरों में शुमार निकेश को सालाना 7.3 करोड़ डॉलर यानी 500 करोड़ रुपए का सैलरी पैकेज मिला था. निकेश पर पैसे की हेराफेरी का आरोप भी था. हालांकि बैंक की तरफ से साफ किया गया था स्पेशल कमेटी की रिपोर्ट में निकेश को क्लीन चिट मिल गई है.
बताया जा रहा है कि निकेश चाहते थे कि मासायोशी सन की जगह उन्हें कंपनी का सीईओ बनाया जाए, लेकिन मासायोशी सन अपना पद छोड़ने को तैयार नहीं थे. सन लंबे समय तक सीईओ रहना चाहते हैं.
निकेश की सालाना कमाई 500 करोड़ रुपए के करीब थी, इस वजह से वह दुनिया के उन अधिकारियों में शामिल थे जिन्हें सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है. इससे पहले ज्वाइनिंग बोनस मिलाकर उन्हें 850 करोड़ रुपए मिले थे. निकेश अरोड़ा के सीईओ रहते सॉफ्टबैंक ने भारत में बड़े पैमाने पर निवेश किया है. सॉफ्टबैंक ने स्नैपडील में 62.7 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. ओला कैब्स में 21 करोड़ डॉलर का निवेश सॉफ्टबैंक का ही है. इनमोबी में 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया. सॉफ्टबैंक ने हाउसिंग डॉट कॉम, ओयो रूम्स और ग्रोफर्स में भी निवेश कर रखा है.