नई दिल्ली. एक राष्ट्रीय टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद NIA ने हुर्रियत के नेताओं से पूछताछ की जिसमें कई चौंकाने वाली खबरें पता चलीं. NIA ने अलगाववादी नेताओं के कश्मीर और दिल्ली स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की है.
NIA ने अलगाववादी नेताओं नईम खान, बिट्टा कराटे, जावेद गाजी बाबा के ठिकानों पर छापे मारे. हवाला मामले और आतंकियों को होने वाले फंडिंग मामले में एनआईए की टीम ने दिल्ली के चांदनी चौक, बल्लीमारान सहित आठ ठिकानों और जम्मू-कश्मीर के 14 अड्डों पर छापे मारे. छापेमारी में अब तक 1 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं. अब तक मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी की कार्रवाई में एनआईए को कई अहम सुराग मिले हैं.
NIA ने हुर्रियत नेताओं से सख्ती से की गई पूछताछ में मिले पुख्ता सबूतों के बाद कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उन लोगों में सबसे बड़ा नाम अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का है. एनआईए ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए शाह गिलानी और आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसके साथ ही एनआईए ने अलगाववादी नेता यासिन मलिक पर भी अपनी पकड़ पहले से मजबूत की है.
एनआईए ने पहले की थी सख्ती से पूछताछ
एनआईए ने इस कार्रवाई से पहले हुर्रियत नेताओं से शुरुआती पूछताछ की थी. इसके लिए एनआईए ने हवाला के माध्यम से आने वाले फंड के साथ-साथ सीमा से व्यापार की आड़ में होने वाली फंडिंग की भी जांच-पड़ताल की थी. ठीक से जवाब नहीं मिलने पर एनआईए ने हुर्रियत के तीन नेताओं पर सख्ती करते हुए दिल्ली मुख्यालय में उनसे पूछताछ की थी.
इस दौरान एनआईए को सूत्रों से सूचना मिली थी कि आतंकी फंडिंग के पैसों से इन अलगाववादी नेताओं ने घाटी में करोड़ों की बेनामी संपत्ति बना रखी है.
इसी आधार पर उन्हें दिल्ली में अपनी संपत्ति और बैंक अकाउंट के सारे दस्तावेजों के साथ बुलाया गया था. खुफिया एजेंसी इस बात का पता लगाना चाहती है कि पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान से कितना पैसा किस-किस रास्ते से आया और किसको कितना हिस्सा दिया गया है और विदेश में इनकी किस-किस से मुलाकात हुई है.
1500 करोड़ रुपये सीमा पार से पहुंचे कश्मीर
मामले की जांच कर रही भारतीय खुफिया एजेंसी एनआईए इससे पहले इस मामले में 40 व्यपारियों से पूछताछ कर चुकी है. पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि घाटी के पीछे से बड़ी मात्रा में अलगाववादियों तक पैसा पहुंचाने का काम 2008 से जारी है जो कश्मीर हिंसा का मुख्य कारण है.
पूछताछ में पता चला है कि भारत मे फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के जरिये पुंछ और उड़ी के रास्ते व्यापार के नाम पर करीब 1500 करोड़ रुपये सीमा के पार से कश्मीर में पहुंचाए गए हैं.