नई दिल्ली : भारत की तरफ से किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान की सरकार और सेना बुरी तरह से हिल गई है. सर्जिकल स्ट्राइक का सच तो पाकिस्तान आज तक नहीं माना लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पीएम नवाज शरीफ और सेना प्रमुख राहिल शरीफ के बीच खींचतान की खबरें आई हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन ने दावा किया है कि नवाज शरीफ ने राहिल शरीफ से आतंकियों का सफाया करने को कह दिया है.
नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के सबसे ताकतवर पद पर बैठे सेना प्रमुख राहिल शरीफ से सिर ऊंचा करके आंख में आंख डालकर बात की है. नवाज़ ने सेना को चेतावनी दी है और आतंकियों के खात्मे का ऑर्डर जारी कर दिया है. इस मामले में उन्होंने आईएसआई को भी टांग अड़ाने से मना कर दिया है.
नवाज़ शरीफ को ये बड़ा कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि भारत ने बिना खून बहाए दुनिया में पाकिस्तान को अलग थलग कर दिया. पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन रद्द करना पड़ा. अमेरिका, चीन से मदद तो मिल रही है लेकिन वहां से भी लगातार दवाब बन रहा है.
नवाज शरीफ ने पाकिस्तान को दुनिया के सर्जिकल स्ट्राइक से बचाने के लिए एक्शन प्लान पर काम शुरू कर दिया है. पाकिस्तान के अखबार डॉन ने पाकिस्तान में उठापटक की इनसाइड स्टोरी छापी है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक नवाज शरीफ ने दो एक्शन प्लान बनाए हैं.
एनएसए नसीर जांजुआ और आईएसआई के डीजी जनरल रिजवान अख्तर की अगुवाई में एक कमेटी बनाई है. जिसका काम है आतंकी संगठनों को शांत करना. आतंकियों की आर्थिक मदद पर रोक लगाना. बैन होने के बाद नाम बदलने वाले संगठनों पर काबू की ज़िम्मेदारी भी इसी कमेटी की होगी.
वहीं दूसरा प्लान भारत को संतुष्ट करने के लिए है. पठानकोट हमले की नए सिरे से जांच होगी। रावलपिंडी में एंटी-टेररिज्म कोर्ट में चल रहे मुंबई हमले का ट्रायल भी दोबारा शुरू होगा। इस प्लान पर एक्शन का मतलब है कि हाफिज सईद, मसूद अजहर, लखवी जैसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
हालांकि नवाज शरीफ के इस एक्शन प्लान पर भी शक की कई वजहें हैं. एक तो सारी खबरें पाकिस्तान का मीडिया दे रहा है. दूसरी बात नवाज शरीफ ने जो कमेटी बनाई है उसमें आईएसआई के चीफ हैं.
पाकिस्तान की सेना और सरकार के संबंधों को करीब से देखने वाले पाकिस्तानी नौसेना का पूर्व रिसर्स प्रमुख आयशा सिद्दीका का मानना है कि ‘ये सब कहने की बातें हैं. दोनों शरीफ कश्मीर के सवाल पर अलग-अलग नहीं होंगे.’
पाकिस्तान में हालात ऐसे हो गए हैं कि सब एक दूसरे पर दोष थोप रहे हैं. एक्शन नवाज शरीफ, सेना और आईएसआई को लेना है. नवाज शरीफ ने अपना काम कर दिया है लेकिन सवाल ये है कि क्या रिटायरमेंट से राहिल शरीफ सेना को चुनी हुई सरकार के घुटने पर लाकर जाएंगे या जो है जैसा है चलने देंगे.