रियो डी जनेरियो : पूरा देश रियो ओलंपिक में पहलवान नरसिंह यादव से मेडल की उम्मीद लगाए बैठाए था लेकिन उनकी उम्मीदों झटका लग गया है. आज ही नरसिंह यादव का पहला मुकाबला 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल मुकाबले में फ्रांस के जेलिमखान खादिजेव से था लेकिन उससे कुछ घंटे वाडा ने अपनी अपील में नरसिंह को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को गलत करार दिया था और उन पर प्रतिबंधित दवाओं के सेवन को लेकर चार साल का प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. अब जबकि सीएएस ने वाडा की अपील स्वीकार कर ली है, नरसिंह का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. वह अब रियो ओलम्पिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
विश्व की सबसे बड़ी खेल अदालत-कोर्ट फॉर अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) ने गुरुवार को लम्बी सुनवाई के बाद 4 साल का बैन लगा दिया है. नरसिंह पर बैन लगने का मतलब ये है कि 74 किलो में भारत की कोई चुनौती नहीं रह गई है. नरसिंह यादव रियो ओलंपिक से बाहर हो गए हैं.
गौर हो कि 25 जून और पांच जुलाई को लिए गए सैंपलों के आधार पर नाडा ने नरसिंह को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का आरोपी करार दिया था. इस बाबत नरसिंह ने कहा था कि उन्हें फंसाया गया है. अपने बचाव में नरसिंह ने दलील दी थी कि सोनीपत में साई के ट्रेनिंग सेंटर में उनके खाने में मिलावट हुई थी. नाडा ने जांच की और नरसिंह को निर्दोष मानते हुए रियो ओलंपिक के लिए हरी झंडी दी थी. एक हफ्ते पहले नरसिंह कुश्ती के 74 किलो ग्राम वर्ग में खेलने के लिए रियो भी पहुंच गए थे.
रियो में सुनवाई के दौरान वाडा ने नरसिंह से खाने में हुई मिलावट सबूत मांगे लेकिन उनके पास कोई सीसीटीवी फूटेज नहीं थी जिसकी बजह से नरसिंह अपने साथ हुई साजिश के सबूत पेश नहीं कर पाए इसलिए वाडा ने उनकी अपील खारिज करते हुए 4 साल का बैन लगा दिया. यानी अगले ओलंपिक तक नरसिंह यादव अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में नहीं खेल पाएंगे.