लखनऊ : ‘तीन तलाक’ के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ने वाला ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अब इस मामले पर मुसलमानों के बीच जाकर हस्ताक्षर अभियान चलाएगा। बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने आज यहां कहा कि उच्चतम न्यायालय में केन्द्र सरकार द्वारा तीन तलाक के मुद्दे पर दायर किया गया हलफनामा शरीयत में खुली दखलंदाजी है और इस मामले को लेकर शुक्रवार से पूरे देश में एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा। प्रदेश में इसकी शुरूआत लखनऊ स्थित ऐशबाग ईदगाह में जुमे की नमाज के बाद की जाएगी।
उन्होंने बताया कि उनके तथा बोर्ड के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जीलानी की तरफ से सूबे की सभी मस्जिदों के इमामों को खत भेजा गया है जिसमें इस्लामी शरीअत की हिफाजत की मुहिम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की गयी है। यह खत जुमे की नमाज के ऐन पहले पढ़कर सुनाया जाएगा।
मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि खत में लिखा है कि उच्चतम न्यायालय में तीन तलाक समेत इस्लामी शरीअत के कुछ कानूनों के सिलसिले में एक मुकदमा चल रहा है। ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है और अब हुकूमत ने भी शपथपत्र दाखिल करके तीन तलाक को औरतों के बुनियादी अधिकारों के खिलाफ करार दिया है। यह हमारी शरीअत में खुली दखलंदाजी है।
उन्होंने बताया कि खत में कहा गया है कि विधि आयोग ने इस मामले में लोगों से राय मांगी है, इसलिए तमाम मुसलमानों से अपील है कि इस अहम मसले को गम्भीरता से लेते हुए एक फार्म पर मुस्लिम औरतों के नाम, पते और हस्ताक्षर और दूसरे प्रारूप पर मुस्लिम मर्दो के नाम, पते और दस्तखत कराकर 30 अक्तूबर तक ऐशबाग ईदगाह स्थित इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के दफ्तर में भेजें। यह फार्म मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तैयार किया है और इसका विधि आयोग की प्रश्नावली से कोई संबंध नहीं है। इन भरे हुए प्रोफार्मा को बोर्ड के दफ्तर भेजा जाएगा।