मुंबई : शिवसेना ने आज मुस्लिम नेताओं से तीन तलाक के मुद्दे पर भी तर्कसंगत रुख अपनाने का आग्रह किया है. पार्टी ने हाजी अली दरगाह ट्रस्ट द्वारा दरगाह के मुख्य स्थल तक महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने जैसे ‘प्रगतिशील’ निर्णय का हवाला देते हुए अपनी बात कही है.
पार्टी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को कट्टरता के पर्दे से परे रखकर सकारात्मक दृष्टि से देखने की जरूरत है. शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि हाजीअली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता अब खुल गया है, फिर भी आम मुस्लिम महिलाओं की आगे की राह मुश्किल है.
आगे कहा गया है कि ‘असंख्य मुस्लिम महिलाएं धर्म के नाम पर लंबे समय से चली आ रही बेड़ियों से मुक्त होने की प्रतीक्षा कर रही हैं.’ संपादकीय में कहा गया है कि कई पीढ़ियों से महिलाओं को सम्मानित जीवन जीने के अधिकारों से वंचित कर दिया गया है. वे तीन तलाक की प्रथा से परेशान हैं और धार्मिक नेताओं के फतवों को मानने के लिए मजबूर हैं.
शिवसेना ने कहा है कि मुस्लिम महिलाएं कट्टर रूढ़िवादी परंपरा और पुरूष सत्ता के बंधनों से कुचली जा रही हैं. हाजी अली ट्रस्ट का फैसला स्वागत योग्य है. अब मुस्लिम नेताओं को तीन तलाक के मुद्दे पर भी समझदारी दिखाने की जरूरत है.’ इसमें कहा गया है, ‘समान नागरिक संहिता के बारे में कट्टरता के पर्दे को हटाकर सकारात्मक दृष्टि रखनी चाहिए.
शिवसेना के अनुसार ‘अगर ऐसा हुआ तो मुस्लिम महिलाएं ही नहीं बल्कि पूरा मुस्लिम समाज अपने आप मुख्यधारा में शामिल हो जायेगा.’ कल हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि महिलाओं को दरगाह के मुख्य स्थल तक प्रवेश की इजाजत दी गयी और इसको लेकर अवसंरचना संबंधी जरूरी बदलावों के लिए चार सप्ताह के समय की मांग की थी.