लखनऊ : सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के परिवार में मचे घमासान को लेकर शुक्रवार को यूपी में सियासी घटनाक्रम काफी तेज हो गए। मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश-शिवपाल विवाद पर शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि जब तक मैं यहां हूं, पार्टी में कोई विभाजन नहीं होगा। मुलायम के इस बयान के बाद ऐसा लगा रहा है कि सपा में जारी कलह का अब अंत हो जाएगा।
मुलायम ने आज लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अखिलेश, शिवपाल और रामगोपाल में कोई झगड़ा नहीं है। रामगोपाल यादव से किसी का मतभेद नहीं है। मेरी अखिलेश और शिवपाल से भी बात हुई है। समाजवादी परिवार हमारा है, पार्टी के कार्यकर्ता चिंतित हैं। जब तक मैं यहां हूं, पार्टी में कोई फूट नहीं पड़ सकती है।
मुलायम ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि चिंता न करें, पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। परिवार में किसी तरह का कोई कलह नहीं है। सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि अखिलेश मंत्रिमंडल से बर्खास्ती किए गए गायत्री प्रजापति अब दोबारा मंत्री बनेंगे। मुलायम ने कहा कि प्रजापति फिर से मंत्री बनेंगे और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। उन्हों ने कहा कि परिवार में चार लोगों के बीच मतभेद होते रहते हैं। इन घटनाओं से अखिलेश भी दुखी हैं। मुझे उम्मी्द है कि अखिलेश मेरी बात जरूर मानेंगे। अब चुनाव का समय है इसलिए मिलजुलकर काम करें। मुलायम ने यह भी कहा कि अखिलेश शिवपाल के घर जाएंगे।
मुख्यमंत्री अखिलेश और वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल यादव के बीच पिछले पांच दिन से चल रही वर्चस्व की जंग के बीच आज सुबह इन दोनों से ही मुलाकात करने वाले मुलायम ने बाद में पार्टी राज्य मुख्यालय पर जमा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। मीडिया ने इसे बड़ा रूप दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे रहते पार्टी में कोई फूट नहीं हो सकती। हमने आपसे इतना संघर्ष कराकर सरकार बनायी है। बहुत सी शक्तियां हैं जो नहीं चाहती, कि हमारे परिवार में एकता रहे। इतने बड़े परिवार में कभी-कभी कुछ देर के लिये मतभेद हो जाया करते हैं, मगर अखिलेश और शिवपाल के बीच कोई झगड़ा नहीं है। मुलायम ने इस दौरान अपने पास ही खड़े अपने करीबी और पिछले दिनों मुख्यमंत्री की ओर से खनन मंत्री के पद से बर्खास्ता किये गये गायत्री प्रसाद प्रजापति की बख्रास्तगी रद्द करने का ऐलान किया और विश्वास जताया कि अखिलेश उनकी बात नहीं टालेंगे।
गौर हो कि आज सुबह मुलायम और अखिलेश के बीच मुलाकात हुई। मुलायम पार्टी कार्यालय में आज पहले शिवपाल से मिले और इसके बाद अखिलेश से मुलाकात की। बाद में यूपी के विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद भी मिलने पहुंचे। माता प्रसाद के साथ गायत्री प्रजापति भी मौजूद थे। उधर, ये भी खबर आई कि अखिलेश ने शिवपाल को चिट्ठी लिखकर पद पर बने रहने को कहा है। इस चिट्ठी में इस्तीफा नामंजूर किए जाने की भी जानकारी है।
इससे पहले, शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार रात सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मुलायम परिवार में मतभेद और बढ़ गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कैबिनेट के मंत्री पद से भी इस्तीफा सौंप दिया। जानकारी के अनुसार, सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव आज सुबह मुलायम यादव से मिले। मुलायम ने शिवपाल का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा नामंजूर कर दिया। शिवपाल यादव आज सुबह समाजवादी पार्टी दफ्तर पहुंचे। मुलायम ने फोन कर उन्हें मिलने के लिए बुलाया था। उनकी मुलायम सिंह यादव के साथ मुलाकात हुई। लेकिन यह मुलाकात काफी संक्षिप्त रही जो महज पांच-सात मिनट तक ही चली।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से तल्खी बढ़ने के बीच कल देर रात नाटकीय रूप से मंत्री और सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने आज कहा कि वह सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के साथ हैं और पार्टी को कमजोर नहीं होने देंगे। शिवपाल ने इस्तीफा दिये जाने के बाद से अपने घर के बाहर खड़े अपने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम नेताजी (मुलायम) के साथ हैं। उनका संदेश हमारे लिये आदेश है। हम सभी सपा को मजबूत करेंगे। हम पार्टी को कमजोर नहीं होने देंगे। हम हर हाल में नेताजी के साथ हैं। उन्होंने अपने पक्ष में नारेबाजी कर रहे समर्थकों से कहा कि आप पार्टी दफ्तर जाएं। हम नेताजी तक अपनी बात पहुंचा देंगे। पिछले दिनों खनन मंत्री के पद से बर्खास्त किये गये गायत्री प्रसाद प्रजापति भी इस दौरान शिवपाल के साथ खड़े दिखे। इसके अलावा बड़ी संख्या में विधायकों और मंत्रियों ने भी शिवपाल से मुलाकात की।
दरअसल यह मामला तब शुरू हुआ जब 13 सितम्बर को शिवपाल के करीबी अधिकारी दीपक सिंघल को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा मुख्य सचिव पद से हटाये जाने के बाद मुख्यमंत्री को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह शिवपाल को जिम्मेदारी दे दी गयी थी। थोड़ी ही देर बाद अखिलेश ने शिवपाल से लोकनिर्माण, राजस्व और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिये थे। इससे बढ़ी तल्खी के बीच शिवपाल ने कल शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मंत्री पद तथा प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अखिलेश ने मंत्री पद से उनके त्यागपत्र को अस्वीकार कर दिया था। साथ ही मुलायम ने भी सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से शिवपाल के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया था।