नई दिल्ली : कश्मीर में अमन बहाली के लिए गई सर्वदलीय टीम भी मसले का हल निकालने में नाकाम रही है. घाटी में हिंसा का दौर जारी है. इस मसले पर श्रीनगर से लौटी सर्वदलीय टीम के कुछ सांसदों ने ये सुझाव दिया है कि अलगाववादियों को अलग थलग करने और अलग तरीके से निपटने की जरूरत है.
गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान वानी के जुलाई में मारे जाने के बाद संघर्षों में 70 से अधिक लोग मारे गए हैं और 10,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक में विभिन्न दलों के सांसदों ने शिरकत की और मसले के हल के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया.
इस बैठक में कुछ सांसदों का कहना था कि घाटी में रोज-रोज का धरना प्रदर्शन पाकिस्तान प्रायोजित है. सांसदों का कहना था कि ज्यादा हिंसा साउथ कश्मीर के देहात में हुईं हैं और कोशिश ये होनी चाहिए कि लोगों के सड़कों पर आने से पहले ही उन्हें कंट्रोल किया जाए.
दूसरी ओर सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह घाटी में जारी अशांति के बीच सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए आज जम्मू कश्मीर के दौरे पर जाएंगे.
रक्षा सूत्रों ने बताया कि घाटी के दूर-दराज और नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए जनरल सिंह का आज यहां पहुंचने का कार्यक्रम है.
सूत्रों ने बताया कि सेना के वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय कमांडर सेना प्रमुख को नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा ग्रिड और दूर-दराज के इलाकों में आतंकवादी विरोधी अभियानों की जानकारी देंगे.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियो के बीच आज झड़पों की नई घटनाएं हुईं, जिनमें कम से कम चार लोग घायल हो गए हैं. पूरी घाटी में लोगों के एक साथ जुटने पर अभी भी पाबंदी है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने अनंतनाग में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पैलेट और आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिनकी चपेट में आने से चार लोग घायल हुए.
उन्होंने बताया कि कश्मीर के किसी भी हिस्से में कर्फ्यू नहीं लगा है लेकिन श्रीनगर को छोड़कर घाटी के सभी जिलों में लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगी हुई है. कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए यह पाबंदी जारी रहेगी.
अधिकारी ने बताया कि सुधरते हालात के मद्देनजर घाटी में कहीं भी कफ्र्यू नहीं लगाया जाएगा. बहरहाल, अनंतनाग जिले समेत कुछ स्थानों पर झड़पें हुई हैं. यहां सुरक्षा बलों की कार्रवाई में एक युवक की मौत हो गई थी. घाटी में अलगवावादी समर्थित हड़ताल के कारण जनजीवन प्रभावित रहा लेकिन श्रीनगर और अन्य स्थानों पर बाजारों में कल शाम आगामी ईद के मद्देनजर रौनक लौट आई. ईद-उल-अजहा 13 सितंबर को है.
कल शाम छह बजे तक, हड़ताल में 12 घंटे की ढील दी गई थी. इसके चलते लाल चौक समेत आस पास के बाजारों और जिला मुख्यालयों के बाजारों में भीड़भाड़ रही. लाल चौक के इर्द-गिर्द यातायात जाम देखा गया. अलगाववादियों ने हड़ताल की अवधि 16 सितंबर तक बढ़ा दी है. हफ्ते के कुछ दिन इसमें क्रम दर क्रम ढील देने की घोषणा भी की है.