नई दिल्ली : अल्पसंख्यकों को करीब लाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. मोदी सरकार कल यानी गुरुवार से एक ऐसी पंचायत शुरू करने जा रही है जिसमें मुसलमान और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हिस्सा लेंगे. मोदी सरकार ने इस पंचायत का नाम ‘प्रोग्रेस पंचायत’ दिया है.
पहली पंचायत गुरुवार को हरियाणा के मेवात में होगी. इसके बाद दूसरी पंचायत छह अक्टूबर को राजस्थान के अलवर में होगी. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी इन पंचायतों में हिस्सा लेंगे. देशभर में इस तरह के पंचायतों का आयोजन किया जाएगा.
आपको बता दें कि तीन दिन पहले ही रविवार को मोदी ने मुसलमानों को वोट की मंडी बनाने वालों की फटकार लगाते हुए मुसलमानों को अपना बताया था. मोदी ने दीनदयाल उपाध्य के वक्तव्य को दोहराते हुए कहा था, “न मुसलमानों को पुरस्कृत करें, न तिरस्कृत करें. बल्कि उनका परिष्कार करें. मुसलमान कोई वोट की मंडी का माल नहीं और घृणा की वस्तु नहीं है. उसे अपना समझे. इससे पहले, मुसलमानों को अपने करीब लाने के लिए मोदी सरकार सूफी सम्मेलन कर चुकी है.
जाने मोदी सरकार ने मुसलमानों को लेकर कब क्या कहा !
25, सितंबर 2016: केरल के काझिकोड में बीजेपी राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय के कथन को दोहराते हुए कहा था कि न मुसलमानों को पुरस्कृत करें, न तिरस्कृत करें. बल्कि उनका परिष्कार करें. मुसलमान कोई वोट की मंडी का माल नहीं और घृणा की वस्तु नहीं है. उसे अपना समझे.
17, मार्च 2016: दिल्ली में विश्व सूफी सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी भी शरीक हुए. 17 मार्च को सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सूफीवाद शांति, सह-अस्तित्व, करुणा, समानता और वैश्विक भाई चारे का आह्वान है.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब हम अल्लाह के 99 नामों के बारे में सोचते हैं तो उनमें से कोई भी बल और हिंसा से नहीं जुड़ता. अल्लाह के पहले दो नाम कृपालु एवं रहमदिल हैं. अल्लाह रहमान और रहीम हैं. सूफीवाद विविधता और अनेकता का उत्सव है.
अगस्ता 2015: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इस्लाम को लेकर बड़ा बयान दिया था. मोदी ने कहा था, ‘दुनिया के सामने इस्लाम के सही स्वरूप को सही रूप में पहुंचाना जरूरी है.
सितंबर 2014: प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहला इंटरव्यू अमेरिकी टीवी न्यूज़ चैनल सीएनएन को दिया था. इस इंटरव्यू में मोदी ने कहा था कि भारत के मुसलमान देश के लिए जीते हैं और देश के लिए मरते हैं, वे अलकायदा के बहकावे में नहीं आएंगे.