नई दिल्ली : भारत सरकार को विदेशी बैंकों में रखे भारतीयों के काले धन का पता लगाने के मामले में बड़ी कामयाबी मिली है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इन खातों में जमा करीब 21 हजार करोड़ रुपये काला धन का पता लगाया है.
‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान के बाद वित्त मंत्रालय में बैठकों दौर जारी है ताकि काले धन का पता लगाने की नई योजना पूरी तरह से कामयाब हो सके. नई योजना जहां देश में छिपी हुई कमाई पर फोकस कर रही है, वही बीते साल एक कानून बना कर विदेशी में छिपी कमाई का पता लगाने की कोशिश की गयी. विदेशी में छिपा कर रखे गए कमाई का पता लगाने के लिए 2015 में काले धन पर एक नया कानून बना.
मोदी सरकार बनते ही काले धन के प्रति कडा रुख अपनाया जाने लगा. कानून बांये गए और साथ ही दुसरे देशों के साथ वार्ताओं का दौर शुरू हुआ. इसका असर अब दिखने लगा है.मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल के दौरान करीब 21 हजार करोड़ रुपये की छिपी हुई कमाई का पता चला.इसमें विदेशों में छिपे काली कमाई का पता लगाने के लिए बनाए कानून के तहत 648 घोषणाएं शामिल हैं जिसमें 4164 करोड़ रुपये की अघोषित कमाई और संपत्ति का पता चला जिस पर सरकार ने 2476 करोड़ रुपये का टैक्स कमाया. दूसरी ओर एचएसबीसी के 400 खातों में करीब 8000 करोड़ रुपये के काले धन का पता चला. इस पर 5300 करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स डिमांड जारी किया गया है. इसी तरह इंटरनेशनल कंसोर्सियम ऑफ इनवेस्टगेटिव जर्नलिज्म की जानकारी के आधार पर 700 भारतीयों के विदेशी खातों में करीब 5000 करोड़ रुपये की छिपी कमाई का पता चला. इस पर टैक्स का आकलन किया जा रहा है.
वित्त मंत्रालय घरेलू स्रोतों से हुई काली कमाई का पता लगाने के लिए नई योजना इनकम डिस्क्लोजर स्कीम को मिशन मोड में लागू करने में जुट गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में लोगों को इस योजना का पूरा फायदा उठाने की अपील तो की है, साथ ही बातों ही बातों में चेतावनी भी दे डाली कि 30 सितम्बर तक ऐसा नहीं करने वालों के लिए आगे मुश्किलें बढ सकती है.
नई योजना के तहत 1 जून से 30 सितम्बर के बीच बीते सालों की अघोषित कमाई या उससे अर्जित चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देना होगा. अघोषित कमाई या चल-अचल संपत्ति का कुल 45 फीसदी बतौर टैक्स और जुर्माना 30 नवंबर तक चुकाना होगा. ऐसा करने वालों पर ना तो कोई कानूनी कार्रवाई होगी और ना ही उन्हें कमाई का स्रोत बताना पड़ेगा.