नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश और गुजरात में होने वाले आगामी चुनावों और भाजपा की मजबूत स्थिति वाले राज्यों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान से चार सांसदों और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं गुजरात से तीन-तीन सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान जगह मिली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मई 2014 में बागडोर संभालने के बाद दूसरी बार हुए मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल के तहत 19 सांसदों को सरकार में शामिल किया गया है, जिसमें दलित और ओबीसी नेताओं को भी मंत्री पद दिया गया है।
इस मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान पांच मंत्रियों को हटाया भी गया। मंत्रिपरिषद से जिन मंत्रियों को हटाया गया उसमें निहालचंद, रामशंकर कठेरिया, सांवरलाल जाट, मनसुखभाई डी वासव और एम के कुंदरिया शामिल हैं। खबर है कि सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा भेज दिया है। पांच मंत्रियों को हटाए जाने के बाद आज के मंत्रिपरिषद विस्तार के साथ कुल मंत्रियों की संख्या 78 हो गई। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार कुल 82 मंत्री हो सकते हैं। मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की अधिकतम संख्या लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या 542 का 15 फीसदी हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस कवायद का लक्ष्य सरकार में अनुभव, विशेषज्ञता और उर्जा को समाहित करना है।