नई दिल्ली : मोबाइल बैटरी फटने से हादसा होने की बात अब आम हो चुकी है। हालांकि, इसके बाद भी मोबाइल इस्तेमाल करने वाले यूजर्स सावधानी से काम नहीं लेते हैं। लेकिन सोचने वाली बात है कि आखिर मोबाइल या उसकी बैटरी किस वजह से फट जाती है? आखिरकार ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब ढूंढ़ ही लिया है कि मोबाइल, लैपटॉप आदि में इस्तेमाल होने वाली लीथियम-आयन बैटरी अचानक क्यों फट जाती हैं।
इन वैज्ञानिकों का कहना है कि बैटरियों में अपने आप डेंड्राइट नाम का एक मेटल फाइबर उग आता है। इससे बैटरी जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाती है। परीक्षणों में पाया गया है कि मोबाइल व लैपटॉप की बैटरियों को जल्दी चार्ज होने के लिए डिजाइन किया गया है। इससे डेंड्रॉइट बनते हैं, जो कार्बन एनोड का काम करने लगते हैं। इसी से शॉर्ट सर्किट होता है। इससे बैटरी गर्म होकर फट जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या करें कि बैटरी न फटे। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही उपाय जिससे आप अपने मोबाईल या उसकी बैटरी को सुरक्षित रख सकते हैं।
स्लिम बैटरी : नए जमाने में स्लिम स्मार्टफोन के चलन के चलते बैटरी निर्माताओं पर पतली बैटरी बनाने का दबाव बना हुआ है। पतली बैटरी में नेगेटिव और पॉजिटिव प्लेट्स बिलकुल जुड़े हुए होते हैं। ऐसे में ये दोनों प्लेट्स के मिलते ही बैटरी ब्लास्ट कर जाती है। संभव हो सके तो स्लिम बैटरी को समय समय पर चैक करते रहें। अगर वो फूल रही है या तुरंत गर्म हो जाती है तो उसे तुरंत बदल दें।
ओवर चार्जिंग : आप स्मार्टफोन को ज्यादा इस्तेमाल करते हैं औऱ लिहाजा बैटरी की ज्यादा खपत और ज्यादा चार्जिंग। लेकिन कई बार आप फोन को चार्ज पर लगाकर भूल जाते हैं और यही बैटरी के फटने का कारण बनता है। स्मार्टफोन की लिथियम बैटरी ओवरचार्ज करने पर ओवरहीट होते ही फट जाती है। इससे बचने के लिए स्मार्टफोन को ओवरचार्ज न करें, खासकर रातभर के लिए चार्जर लगाकर न भूल जाएं।
चार्जिंग के वक्त फोन का यूज : कई लोग इतने उतावले होते हैं कि चार्जिंग पर लगाने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करते रहते हैं। ये बैटरी फटने का एक बड़ा कारण है। चार्जिंग होते समय बैटरी जागृत अवस्था में रहती है और इसके ब्लास्ट होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इससे बचने का एक ही तरीका है कि फोन को चार्ज करते समय उसका इस्तेमाल न करें।
नकली बैटरी या नकली चार्जर : आमतौर पर लोग स्मार्टफोन की बैटरी खराब होने पर सस्ती या लोकल बैटरी लगा लेते हैं। इतना ही नहीं लोकल या दूसरे फोन के चार्जर इस्तेमाल करने से भी बैटरी फटने के चांस होते हैं। जिस कंपनी का मोबाइल हो उसी कंपनी की ओरिजिनल बैटरी इस्तेमाल करें। किसी दूसरे फोन का या नकली चार्जर यूज न करें।
थर्मल रनअवे : आजकल बाजार में लिथियम बैटरीज आ रही हैं जो जल्दी गर्म हो जाती हैं। स्मार्टफोन मेकर पतली बैटरी की चाह में इन्हीं लिथियम बैटरी इस्तेमाल करते हैं। नए जमाने के स्मार्टफोन पुराने जमाने के मोबाइल की अपेक्षा दिन रात इस्तेमाल में आते हैं जिसके चलते बैटरी फटने के चांस ज्यादा बनते हैं। फोन खरीदते वक्त इस बात पर ध्यान दें कि आपके स्मार्टफोन के मामले में थर्मल रनअवे के खिलाफ सिस्टम लागू है या नहीं।