नई दिल्ली : 17 साल पहले करगिल युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठियों पर गोले बरसाने वाले अपग्रेड मिराज 2000 ने बेंगलुरु में फिर से उड़ान भरी। अपग्रेड होने के बाद मिराज ने पहली 45 मिनट की सफल उड़ान भरी। फ्रांस निर्मित मिराज को भारत की कंपनी हिन्दुस्तान एरोनेटिक्स लिमिटेड ने अपग्रेड किया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि फ्रांस निर्मित होने के बाबजूद एचएएल मिराज को अपग्रेड करने काम वक्त पर पूरा किया है। इसके चेयरमेन टी सुवर्णाराजू ने कहा कि एक बार फिर से हमने वक्त पर काम को पूरा किया। इससे एचएएल की मिड लाइफ अपग्रेड करने क्षमता को साबित कर दिया है। साथ ही लड़ाकू विमानों की विश्ववासनीयता और उनके रखरखाव को भी आसान कर दिया है।
आठ महीने पहले एचएएल को उड़ान के लिये इनशिय़ल ऑपरेशनल क्लीयरेंस मिला और फिर अब फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस मिल गया। एफओसी के बाद मिराज में वायुसेना के जरुरतों के मुताबिक हथियार प्रणाली, सेंसर और इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सिस्टम लगाया गया है। इससे न केवल विमान की उम्र 15 से 20 साल और बढ़ गई है बल्कि उसकी लड़ाकू क्षमता भी कई गुना बढ़ गई है। वायुसेना के पास फिलहाल मिराज 2000 के दो बेड़े हैं जिसके सारे विमानों के अपग्रेड पर करीब दो अरब डॉलर का खर्च आएगा। एक बेड़े में 16 से 18 विमान होते हैं। वायुसेना के बाद वैसे अब के करीब बेड़े हैं जिनमें से ज्यादातर विमान पुराने हो गए हैं।