नई दिल्ली : देश के कई राज्यों में बाढ़ के कारण लाखों लोगों का जनजीवन प्रभावित हो चुका है. बिहार, असम, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में बाढ़ से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
असम में ब्रह्मपुत्र समेत सभी नदियों इन दिनों उफान पर हैं। राज्य के करीब हर जिले और करीब 17 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में 21 लोगों की मौत हो चुकी है। केवल लोगों को ही नहीं जानवरों को भी बाढ़ में मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार काजीरंगा पार्क में बने 130 फॉरेस्ट कैंप पानी में डूब चुके हैं। बाढ़ में अब तक 7 गैंडों समेत 25 से ज्यादा जानवरों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार की ओर से राहत और बचाव का काम जारी है।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और पीडितों के बीच राहत एवं बचाव चलाने को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। प्रथम चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा एवं गंडक क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित जिलों यथा वैशाली, मोतिहारी, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण और सारण जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और गंडक नदी क्षेत्र में नेपाल में अतिवृष्टि होने के कारण बढ़े जलप्रवाह का मुआयना किया।
दूसरे चरण में बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करने के लिये नीतीश ने भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया एवं किशनगंज का दौरा किया। महानंदा, कनकई, रेतुआ, परमान, मेची, बकरा आदि नदियों में नेपाल की ओर से काफी मात्रा में जलप्रवाह होने के कारण इन सभी जिलों में जल का काफी प्रवाह है, जिससे लगभग 25 लाख की आबादी प्रभावित है तथा बाढ़ के पानी से ग्रामीण सड़कों के कट जाने के कारण आवागमन बाधित हुआ है।
वहीं नेपाल सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के गांवों में बाढ़ के पानी में फंसे कम से कम 468 लोगों को एनडीआरएफ की टीमों ने बचाया है। इन टीमों को बीती रात बाढ़ से प्रभावित लोगों को निकालने के लिए भेजा गया था। अधिकारियों ने बताया कि सीमांत नगर के गांवों में अचानक बाढ़ आ गई थी। बाढ़ से 27 जुलाई की रात में कई गांव डूब गए थे।
उत्तराखंड में इन दिनों पहाड़ों पर आसमान से पानी नहीं आफत बरस रही है। वो भी ऐसी आफत, जिसके सामने जो आ आए वो तिनके की तरह बह जा रहा है। आफत की बारिश में उत्तर काशी के सभी छोटे बड़े पुल बह गए हैं और प्रशासन अभी तक इन इलाकों में मदद के लिए नहीं पहुंचा है। मसूरी में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। शहर की अधिकांश सड़कें भारी बारिश के बाद टूट गई हैं। टिहरी उत्तरकाशी का मुख्य मार्ग एक हफ्ते से पूरी तरह से बंद पड़ा है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगह कुल्लू इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं। भारी बारिश के बाद पहाड़ों से नीचे आ रहे पानी ने कुल्लू शहर में कोहराम मचा दिया है। सरबरी और व्यास नदियां उफान पर हैं और उसके पानी से कुल्लू बस स्टैंड के आस-पास पानी की झील सी बन गई है। हालात की गंभीरता को देखते हुए निचले इलाके को खाली भी करा लिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में चिनाब अपने अब तक के सबसे रौद्र रूप में दिखाई दे रही है। पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए नदी से सटे अखनूर और दूसरे निचले इलाकों में अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भी कुछ जगहों पर लैंड स्लाइड की खबर है हालांकि आज सुबह हाइवे को फिर से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटे बेहद चेतावनी भरे हैं।
मुंबई के कई इलाकों में बीती रात से रुक रुककर बारिश होती रही है, जिससे कई जगहों पर पानी भरने से लोगों के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई हैं। वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे मेट्रो स्टेशन के नीचे का पूरा इलाका पानी से भर गया। वहीं तेज बारिश और हवाओं के चलते अंधेरी पश्चिम में सड़क किनारे खड़ी कार पर एक बड़ा सा पेड़ गिर गया। राहत की बात ये रही की उस वक़्त कर में कोई सवार नहीं था नहीं तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।