पोलाची : यौन उत्पीड़न-ब्लैकमेल मामला सामना आने के बाद यहां के लोगों में काफी गुस्सा है। लोगों का मानना है कि इस प्रकरण से शहर की छवि धूमिल हुई है। लोगों ने सबसे ज्यादा आश्चर्य इसी बात पर जताया कि मुख्य आरोपी इसी शहर का है।
होटल में काम करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “यह मामला स्तब्ध करने वाला और शर्मनाक है। पोलाची एक कृषि सह व्यापारिक शहर है और तमिलनाडु में हमेशा यहां के लोगों को सम्मान मिलता है। लेकिन अब इसकी छवि धूमिल हो गई।”
चार युवा तिरुनावुक्कारासु, सतीश, सबरीराजन और वसंतकुमार सात वर्षो से महिलाओं के उत्पीड़न करते थे और ब्लैकमेल करने के लिए वीडियो बनाने का घिनौना काम कर रहे थे।
उसने कहा, “सबरीराजन के पिता एक अच्छे इंसान और परिश्रमी राजमिस्त्री हैं। यह अविश्वसनीय है कि उनका बेटा इसमें संलिप्त था।”
जैसे ही मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया, निराश नागरिकों और छात्रों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिला प्रशासन को कॉलेजों में छुट्टी घोषित करने को मजबूर होना पड़ा, क्योंकि छात्रों ने घटना के संबंध में हताशा और गुस्से का प्रदर्शन किया। पास के शहरों के भी छात्रों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।
राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठन भी प्रदर्शन से पीछे नहीं रहे।
पोलाची के एक निवासी गणेश ने आईएएनएस से कहा, “हाल ही में, मैं मदुरै में था। वहां मैने एक टैक्सी ली और ड्राइवर का व्यवहार मेरे प्रति सकारात्मक था, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि मैं पोलाची से हूं तो उसका व्यवहार बदल गया। वह चुप हो गया। यह अपने आप में एक संदेश है।”
उसने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि कैसे आरोपी लगातार सात वर्षो तक महिलाओं का उत्पीड़न करते रहे।
आरोपियों के पड़ोसी भी आश्चर्यचकित हैं कि उनके पड़ोस का लड़का इस घिनौने अपराध में शामिल था।
शहर के एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा, “पोलाची इस क्षेत्र में मशहूर था और इसे सम्मान मिलता था। लेकिन इन आरोपियों के कुकर्मो की वजह से वर्षो से बनी प्रतिष्ठा समाप्त हो गई।”
यहां के निवासियों का मानना है कि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दी जानी चाहिए, ताकि कोई अन्य इस तरह की गतिविधि में संलिप्त न हो।
प्रसिद्ध संगीतकार इलैयाराजा ने चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “पोलाची मुद्दे पर मेरी भावनाएं वही हैं जो भावनाएं सभी के दिलों में हैं।”
‘पोलाची पेप्यूरस’ के संपादक प्रवीण शानमुघानंदम ने कहा, “इस तरह की शर्मनाक घटना इसलिए हुई, क्योंकि पोलाची समाज अपने परंपरा, विरासत और संस्कृति को भूल गया। पारंपरिक कठिन मेहनत करने वाला कृषि व उद्यमी शहर अब लाभ का पीछे भागने वाला शहर बन गया है।”
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