मुंबई : महाड पुल हादसे में लापता वाहनों की खोज के लिए चली 8 दिनों के बाद अब जाकर दोनों बसों का मलबा बरामद हुआ है। पुल के टूटने से दो बस समेत कई वाहन नदी में बह गए थे। एडिशनल एसपी संजय पाटिल ने इस बात की पुष्टि की है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार नौसेना के गोताखोरों ने सावित्री नदी में महाड़ पुल ढहने के स्थान से 200 मीटर दूर बस के अवशेष खोज निकाले हैं। इस हादसे के बाद 26 शव बरामद किए जा चुके हैं। दूसरे बस की खोज की जा रही है। खोजी और राहत अभियान में अब तक 26 शव बरामद हुए हैं। यह अभियान दो अगस्त की रात को पुल ढहने पर नदी के पानी में दो सरकारी बसों तथा कुछ अन्य वाहन बह जाने के एक दिन बाद शुरू हुआ था।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और तटरक्षक बल के अधिकारी राज्य सरकार की लापता बसों में एक बस के साइनबोर्ड का ही पता लगा पाए हैं जिस पर ‘आरक्षित’ लिखा है। धातु की चीजों का पता लगान के लिए इलेक्ट्रोनिक सेंसर, सोनार उपकरण जैसे तकनीकों की मदद ली जा रही है। उफनती सावित्री नदी मंगलवार को महाड़ में 100 साल पुराना पुल बहा ले गयी थी। पानी की तेज धार में दो बसें और एक एसयूवी भी बह गए थे। महाड़ यहां से 170 किलोमीटर दूर है।
इस घटना के तुरंत बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि एनएचएआई 18 महीने के भीतर इस पुल का पुनर्निर्माण करेगा। ऐसी घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए एनएचएआई के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी पुराने पुलों का निरीक्षण करने के आदेश जारी किए गए हैं।