नई दिल्ली. भारतीय सेना ने देश में बने हुए राइफल को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. ट्रायल के दौरान यह राइफल खराब क्वालिटी की वजह से बुरी तरह फेल हो गई है. आर्मी ने इन राइफलों को कमजोर क्षमता का बताया है. इन राइफलों की जगह दूसरे हथियारों की खरीद पर आर्मी जल्द ही फैसला लेगी.
राइफल फैक्ट्री इशापुर की ओर से बनाई गई 7.62×51 मिमी की बंदूकें पिछले हफ्ते हुए फायरिंग ट्रायल में बुरी तरह असफल साबित हुई थी, जिसके बाद आर्मी ने इन राइफलों को खारिज करने का फैसला किया.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन बंदूकों में ‘अत्यधिक खामियां’ हैं और आर्मी इसे इस्तेमाल में तभी ला सकती थी जब इसकी ‘मैगजीन की पूरी डिजाइनिंग फिर से की जाती.’
सूत्रों ने बताया कि ट्रायल के दौरान राइफलों में ‘ज्यादा चमक और आवाज’ देखी गई. उन्होंने कहा कि हथियारों की विश्वसनीयता के पहलू के गहन विश्लेषण की जरूरत है.’
आर्मी ने पिछले साल भी भारत में निर्मित 5.56 मिमी के एक्सकैलिबर बंदूकें स्वीकार करने से मना कर दिया था. आर्मी ने दलील दी थी कि ये राइफलें उसकी कसौटी पर खरी नहीं उतरती.
सशस्त्र बलों के लिए राइफलों की खरीद पर फैसला करने के लिए गुरूवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई जा रही है. बैठक में आर्मी की विशिष्ट जरूरतों पर चर्चा की जा सकती है. इस बैठक में रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों के अलावा थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे.