संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में हिज्बुल के आतंकवादी बुरहान वानी की ‘प्रंशसा’ करने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फटकार लगाते हुए भारत ने कहा है कि एक आतंकवादी की इस मंच पर सराहना करके पाकिस्तान के नेता ने ‘खुद को दोषी ठहरा’ दिया है.
विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा जैसे एक मंच पर एक राष्ट्र के नेता की तरफ से ‘स्व प्रचारित आतंकवादी की सराहना’ करना ‘चौंकाने’ वाली घटना है. संयुक्त राष्ट्र में कल शरीफ के आम बहस को संबोधन पर यहां पर भारतीय संवाददाताओं को संबोधित करते हुये अकबर ने कहा कि हमने एक आतंकवादी के स्तुतिगान के बारे में सुना है. बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का स्वघोषित कमांडर था, यह संगठन एक आतंकवादी संगठन के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से जाना जाता है.
अकबर ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह खुद को दोषी ठहराना है. हमने सिर्फ खतरे, धमकी से भरा एक भाषण सुना जिसकी व्याख्या केवल बढ़ती अपरिपक्वता और तथ्यों की पूर्ण उपेक्षा के रूप में की जा सकती है. अपने करीब 20 मिनट के भाषण में लगभग आधे समय वह कश्मीर पर केन्द्रित रहे. शरीफ ने कश्मीरियों के स्वतंत्रता संग्राम के ‘प्रतीक’ के रूप में वानी की सराहना की.
संयुक्त राष्ट्र में शरीफ ने कहा था कि भारत के ‘अवैध कब्जे से स्वतंत्रता की मांग’ को लेकर कश्मीरियों की एक ‘नयी पीढी़’ स्वत: ही उठ खड़ी हुयी है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में मारे गये वानी का हवाला एक ‘युवा नेता’ के रूप में दिया और कहा कि वह ‘‘ताजा कश्मीरी इन्तिफादा, एक लोकप्रिय और शांतिपूर्ण स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक के रूप में उभरे हैं .’’ भारत ने ‘बिना किसी शर्त’ के ‘एक गंभीर और ठोस’ बातचीत के शरीफ के आह्वान को भी दृढ़ता से खारिज कर दिया. अकबर ने कहा कि इस्लामाबाद ‘अपने हाथ में बंदूक’ लेकर बातचीत के बारे में बात कर रहा है.
इस बाबत अकबर ने कहा कि इस समय लगता है कि एक सरकार द्वारा संचालित होने के बजाए पाकिस्तान एक युद्ध मशीन से चल रहा है. पाकिस्तान अपने हाथ में एक आतंकवादी बंदूक लेकर बातचीत करना चाहता है. उन्होंने कहा कि बातचीत और बंदूक एक साथ नहीं चल सकती है. बातचीत को लेकर हमारी स्थिति लगातार एक जैसी है. हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन हम इस्लामाबाद की सरकार के ब्लैकमेल करने की रणनीति का शिकार नहीं होंगे जो आतंकवादियों और आतंकवाद को नीति के रूप में का इस्तेमाल करने का उत्सुक लगता है.