नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2018-19 के आखिर में सरकार ने सोमवार को फिर दोहराया कि राजकोषीय घाटा और तरलता की स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में हैं।
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यहां कहा, तरलता पर्याप्त है और राजकोषीय लक्ष्य हासिल होने के प्रति पक्का विश्वास है।
उन्होंने यह बात यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कही।
गर्ग का यह बयान प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर खासतौर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से प्राप्त राजस्व के लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर चिंता के बीच आया है।
इससे पहले गर्ग ने कहा था कि सरकार प्रत्यक्ष कर के संशोधित लक्ष्य को हासिल कर सकती है, लेकिन अप्रत्यक्ष कर में कमी देखने को मिल सकती है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि दोनों करों में क्रमश: 70,000 करोड़ रुपये और 50,000 करोड़ रुपये की कमी रहने वाली है। गनीमत की बात यह है कि सरकार विनिवेश से 85,000 करोड़ रुपये संग्रह कर किसी तरह इसके लक्ष्य को हासिल कर पाई है।
वित्तमंत्री का कहना है कि पीएम किसान योजना के तहत किसानों की आय सहायता के लिए 75,000 करोड़ रुपये के आवंटन को छोड़ने पर वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा 3.1 फीसदी रह सकता है।
चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह फरवरी तक 10.70 लाख करोड़ रुपये हुआ है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह लक्ष्य में संशोधन करते हुए इसे 13.71 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 11.47 लाख करोड़ कर दिया है।
वित्त वर्ष 2019-20 में जीएसटी संग्रह का बजट 13.71 लाख करोड़ रुपये है।