पटना : जम्मू कश्मीर के उरी में सैन्यं शिविर पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से अंजाम दिए गए हमले की चौतरफा कड़ी निंदा हो रही है । देशभर में इस घटना को लेकर आक्रोश है। पाकिस्तान की सीमा से दाखिल हुए आतंकियों के हमले में 20 जवानों की शहादत को लेकर देशवासियों की आंखे नम हैं, लोगों के बीच गुस्सा है। जनता अब सरकार से किसी ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रही है। इस हमले के शहीदों के घर मातम पसरा है।
आतंकी हमले में शहीद हुए 20 जवानों में बिहार के गया का भी एक लाल है। गया के परैया प्रखण्ड के बोकनारी गांव के सुनील कुमार विद्यार्थी के शहीद होने की खबर जब उनके गर पहुंची तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद जवान सुनील के पिता और बेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरजोर अपील की है कि सेना पर हमला करने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिलना ही चाहिए। शहीद सुनील के पिता मथुरा प्रसाद यादव ने सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बेटे की शहादत का गम है, लेकिन और कितने बेटे अब शहीद होंगे। शहीद सुनील 1999 में सेना में भर्ती हुआ था। उनकी पत्नी किरण देवी, चार बच्चों आरती, अंशु, अंशिका और आर्यन के साथ गया के चंदौती में रहती है।
रविवार की शाम उन्हें पति के शहीद होने की जानकारी श्रीनगर से दी गई लेकिन, वह पूरी बात समझ नहीं पाई और फोन बीच में ही कट गया। घरवाले इस तरह अचानक श्रीनगर से आए फोन से घबरा गए तो सुनील की पत्नी के भाई ने फिर से श्रीनगर में फोन लगाया लेकिन सही जानकारी नहीं मिल पाई। रात में डीएम कुमार रवि को भी फोन कर घरवालों ने सुनील की स्थिति जाननी चाही लेकिन, डीएम के पास भी इस संबंध में कोई सूचना नहीं थी।
सुनील के साथ तैनात उसके एक साथी ने जानकारी दी कि वह इस हमले में घायल हुआ है। फोन कर पता लगाया तो मालूम हुआ कि सुनील हमले में घायल थे। पूरा परिवार उनकी सलामती के लिए दुआएं करने लग गया लेकिन कुछ समय बाद फिर फोन आया कि सनील शहीद हो गए हैं। शहीद सुनील के पिता मथुरा प्रसाद किसान हैं। चार भाइयों में सुनील ही नौकरी करने वाले थे। घरवालों को दी गई जानकारी के मुताबिक शहीद का पार्थिव शरीर पहले दिल्ली और उसके बाद दानापुर ले जाया जाएगा। उरी हमले की चौतरफा निंदा हो रही है और लोगों में आक्रोश है।