सैफई (उत्तर प्रदेश) : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव से कई अहम मंत्रालयों का प्रभार छीन लिए जाने के बाद उनके प्रदेश कैबिनेट से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच शिवपाल ने आज कहा कि विभाग देना या लेना मुख्यमंत्री का अधिकार होता है । वह मुलायम सिंह यादव के फैसले का पालन करते रहेंगे ।
शिवपाल के इस्तीफे संबंधी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पोर्टफोलियो देना (या लेना) और अधिकारियों को हटाना और अपने सलाहकारों को रखना मुख्यमंत्री का अधिकार है। मैं नेताजी के निर्देश का पालन करूंगा और उनके द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करूंगा। यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे, शिवपाल ने कहा कि मैं नेताजी से बात करूंगा। राज्य के लोगों को नेताजी और समाजवादी पार्टी पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि मैं लखनऊ जाउंगा और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करूंगा। हम मिलकर चुनाव लडेंगे। शिवपाल के इस्तीफे देने की अटकलों के बीच उनके हजारों समर्थक उनके प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सैफई में उनके आवास और पीडब्ल्यूडी अतिथिगृह के बाहर एकत्र हुए।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव को कल पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और शिवपाल को उनकी जगह यह प्रभार सौंपा गया था जिसके कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री ने अपने चाचा से कल अहम मंत्रालय छीन लिए थे।
बताते चलें कि मुलायम सिंह यादव के परिवार का अंतर्कलह उस समय खुलकर सामने आ गया , जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को बर्खास्त कर दिया । उसके बाद अखिलेश यादव को सपा प्रदेश अध्यक्ष का पद खोना पडा। मुलायम ने अपने भाई और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया लेकिन नाराज मुख्यमंत्री ने अपने चाचा शिवपाल से लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और सहकारी विभाग छीन लिये।
सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने शिवपाल के महत्वपूर्ण मंत्रालयों से उन्हें मुक्त कर दिया। अखिलेश ने लोक निर्माण विभाग अपने पास रखा है। सिंचाई विभाग अवधेश प्रसाद को दे दिया और राजस्व एवं सहकारिता विभाग बलराम यादव को दे दिया है। शिवपाल के पास इस समय भूमि विकास, जल संसाधन एवं समाज कल्याण विभाग रह गये हैं।