दिल्ली। रामजेठमलानी ने भारत के मशहूर और बड़े वकीलों में से एक हैं। उन्होंने 75 सालों के वकालत करियर से सन्यास लेने की घोषणा कर दी। कई मुकदमे हैं जहां लोगों और मीडिया की दिलचस्पी मामले में इसलिए बढ़ जाती थी क्योंकि रामजेठमलानी पैरवी करने अदालत में पेश हुए।
राम जेठमलानी को डेविल्स एडवोकेट भी कहा जा सकता है। उनके खाते में तमाम ऐसे मामले हैं जहां वो दोषी दिख रहे पक्ष के साथ न सिर्फ खड़े हुए बल्कि अपने मुवक्किल को बचा भी ले गए। आज़ाद भारत के इतिहास में कई मोड़ों पर रामजेठमलानी काला कोट पहने खड़े दिखते हैं। एक समय पर देश के सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाले लोगों में शामिल रहे जेठमलानी ने कई चर्चित मामलों में मुफ्त में मुकदमा लड़ा।
अपने अंदाज़ और अपने तेवर में कभी भाजपा में रहे जेठमलानी अटल बिहारी कैबिनेट में मंत्री बने थे। बाद में पार्टी से 6 साल के लिए प्रतिबंधित होने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ ही चुनाव लड़ने उतर गए थे।
इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत और केहर सिंह की तरफ से मुकदमा लड़ा। एक समय पर तस्करों के वकील कहे जाने वाले जेठमलानी ने मशहूर माफिया डॉन हाजी मस्तान का मुकदमा लड़ा था।
दिल्ली के कुख्यात उपहार कांड में अंसल बंधुओं की पैरवी करने वाले जेठमलानी ने सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह का मुकदमा लड़ा था। दक्षिण के नेताओं में वे यदुरप्पा और कनिमोझी की तरफ से अदालत में पेश हो चुके हैं। जब बाबा रामदेव को रामलीला मैदान से गिरफ्तार किया गया था, तब जेठमलानी उनके वकील बने थे। राजीव गांधी के हत्यारों की वकालत करने वाले राम जेठमलानी ने चारा घोटाले में लालू यादव की पैरवी की थी। वे जयललिता और जगन रेड्डी की भी पैरवी कर चुके हैं।
राम जेठमलानी की खासियत है कि वे जन भावना के विपरीत मुकदमा उठाते हैं। जेसिका लाल मर्डर केस में उन्होंने मनु शर्मा का बचाव करते हुए एक कथित सिख युवक के शामिल होने की बात की थी। इसी तरह वे आसाराम बापू की पैरवी भी कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की पैरवी करते हुए अदालत में वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बाते भी कहीं थीं।