नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इंटरस्टेट काउंसिल की मीटिंग में शामिल होने के लिए जब वो मीटिंग हॉल की तरफ बढ़े तो उन्हें फोन नहीं ले जाने दिया गया.
केजरीवाल ने कहा कि उन्हें, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कुछ अन्य नेताओं को मोबाइल फोन बाहर रखने को कहा गया. ममता जी ने इसका विरोध किया और कहा कि अगर उनके सूबे में कोई इमर्जेंसी हुई तो उन्हें कैसे पता चलेगा, जिसके बाद उन्हें मोबाइल फोन अंदर ले जाने दिया गया, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली. केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि मीटिंग में उन्हें और ममता बनर्जी को काई बार बोलने के दौरान बीच में ही रोका गया. केजरीवाल का सवाल है कि अगर पीएम मोदी विपक्ष की सुनना ही नहीं चाहते तो उन्हें बुलाया ही क्यों गया था?
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह उन्हें ठीक से काम नहीं करने देती. दिल्ली में परेशानी उनके पंजाब या गोवा जाने की वजह से नहीं बल्कि केंद्र सरकार की दखलांदाज़ी से होती है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने उनसे किसी ऑफिसर को गिरफ्तार करने का हक भी छीन लिया है और इसका मतलब यह हुआ की अगर कोई ऑफिसर घूस लेता हुआ भी पकड़ा जाए तो वो उसे जेल नहीं भेज सकते.