नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 10 दिनों के विपश्यना से वापस लौटते ही एक्शन में हैं और विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है. धर्मशाला से लौटे ही केजरीवाल पंजाब, गोवा और गुजरात विधानसभा के चुनावों में जीत दर्ज करने इसकी रणनीति बनाते हुए उन्होंने पार्टी नेताओं को राज्यों की ज़िम्मेदारी सौंप दी.
खुद केजरीवाल ने पंजाब का ज़िम्मा अपने पास रखा है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गोवा की ज़िम्मेदारी सौंपी है. इसके साथ ही जल मंत्री कपिल मिश्रा और पार्टी के सीनियर नेता आशुतोष को गुजरात का ज़िम्मा सौंपा है.
इस जिम्मेदारी के बंटवारे के साथ ही केजरीवाल ने इन सभी नेताओं को सितंबर के पहले हफ्ते से काम पर लग जाने का निर्देश दिया है. रणनीति के तहत जिन नेताओं को जिस राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है वे नेता हर महीने 10-15 दिन उस राज्य में बिताएंगे. दिल्ली के विकास मॉडल को केजरीवाल गुजरात, गोवा और पंजाब में पेश करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल और उनके 3 मंत्री अपने-अपने राज्यों में दिल्ली में हुए विकास के मॉडल का प्रचार करेंगे जिसमें सिसोदिया शिक्षा से जुडी नीतियों, सत्येंद्र जैन स्वास्थ्य से जुड़े सरकार के कामों को लोगों तक पहुंचाएंगे. सिसोदिया जहां शिक्षा में किए गए बदलाव, स्कूलों के हालात और सरकारी स्कूलों में पैरेंट टीचर्स मिटिंग की शुरुआत की बात करते सुने जा सकेंगे वहीं सत्येंद्र जैन वहीं पुलों और सड़कों के निर्माण में पैसे की बचत, मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत और फ्री इलाज, बिजली-पानी पर सरकार के काम को जनता के बीच रखेंगे.
दिल्ली के 3 मंत्रियों को दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों की ज़िम्मेदारी देने के सवाल पर सरकारी सूत्रों ने साफ किया है कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की लड़ाई पर हाइकोर्ट के फैसले के बाद अब सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी और जब तक इस पर कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक अपनी ताकत और समय राज्यों के विधानसभा चुनाव में लगाना बेहतर होगा.
यह भी माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार हाइकोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार एलजी से किसी तरह का टकराव नहीं चाहती है ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके 3 मंत्री इन 3 राज्यों के प्रचार-प्रसार पर ध्यान देंगे और ऐसे में दिल्ली में विपक्ष के निशाने पर भी होंगे दिल्ली के मंत्री.
बताते चलें कि अगले छह महीन में पंजाब और गोवा के विधानसभा होने हैं. पंजाब में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होंगे तो गोवा में अगले साल की शुरुआत चुनाव से होगी. साल 2017 के आखिरी हिस्से में गुजरात विधानसभा के भी चुनाव होने हैं.