नई दिल्ली : पाकिस्तान के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा है. शहीदों के घरवाले बदले की बात कह रहे हैं. सरकार पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए रणनीति बना रही है. लोग सोशल मीडिया और सड़कों पर पकिस्तान को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने शहादत के जख्मों पर नमक छिड़का है. जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर पाकिस्तान को संबोधित करते हुए लिखा है कि कश्मीर लेना है तो बिहार भी साथ लेना होगा. इतना ही नहीं काटजू ने पाकिस्तान से ज्यादा खतरा देश को बिहार से बताया है. हालांकि, अपमानजनक पोस्ट लिखने के बाद जस्टिस काटजू ने सफाई देते हुए कहा कि ये तो बस मजाक था.
जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा कि इससे पहले मैंने कई तरह के मजाक किए हैं. मैं बिहार के लोगों की बहुत इज़्ज़त करता हूं. मेरा फेसबुक पोस्ट बस मजाक था. लोग मुझे गंदी गंदी गालिया दे रहे हैं. मैंने सिर्फ मजाक किया था, लोगों के पास सेंस ऑफ ह्यूमर नहीं है.”
जस्टिस काटजू अपने विवादित बयानों की वजह से हमेशा चर्चा में रहते हैं. इस बार उन्होंने सोशल मीडिया पर बेतुका बयान देते हुए ना सिर्फ 10 करोड़ के करीब आबादी वाले बिहार का मजाक उड़ाया है बल्कि शहीदों का भी अपमान किया है. जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर लिखा है कि पाकिस्तान के लोग आइये, इस विवाद को हम सब लोग मिलकर खत्म करते हैं. एक शर्त पर हम आपको कश्मीर देंगे, साथ में आपको बिहार भी लेना होगा. ये एक पैकेज डील है. या तो दोनों, या फिर कुछ नहीं. हम सिर्फ कश्मीर नहीं देंगे. वे आग लिखते हैं कि मंजूर है क्या?
इस फेसबुक पोस्ट में जस्टिस काटजू इतने पर ही नहीं रुके. बिहार और बिहार के लोगों का और ज्यादा अपमान करते हुए लिखा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी आगरा वार्ता के दौरान पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को ये ऑफर दिया था लेकिन मूर्ख मुशर्रफ ने इसे रिजेक्ट कर दिया था. अब एक बार फिर से ये ऑफर है. मत चूक ऐ चौहान.
काटजू ने परसों यानी 25 सितंबर को शाम 6 बजकर 51 मिनट पर ये पोस्ट फेसबुक पर डाला था. तब से इस पर सैकड़ों लोग अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं. काटजू की निंदा करने और शहीदों का अपमान बताते हुए लोग अपनी राय जाहिर कर रहे हैं.
उनके इस पोस्ट के बाद कुछ लोग इस बात को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि कैसे उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का नाम लेकर देश को गुमराह किया है. बिहार के बारे में जस्टिस काटजू की मानसिकता यही तक नहीं रुकी. कल रात भी उन्होंने कई पोस्ट फेसबुक पर डाले हैं. अपने प्रोफेसर की बात का जिक्र करते हुए कल रात उन्होंने लिखा है कि हिंदुस्तान को खतरा पाकिस्तान से नहीं बल्कि बिहार से है. सवाल ये है कि जस्टिस काटजू ने इस तरह की टिप्पणियां क्यों की? बिहार के 10 करोड़ से ज्यादा लोगों और शहीदों के अपमान करने का अधिकार इन्हें किसने दिया?
बाद में जस्टिस काटजू ने सफाई देते हुए कहा कि ये तो बस मजाक था. बयान पर माफी मांगने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों में सेस ऑफ ह्यूमर की कमी है.