नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर भले ही आतंकवाद, कर्फ्यू और अशांति के लिए सुर्खियां में बना रहता हो, लेकिन यहां की आवाम और सरकार तालीम पर ध्यान दे रही है। इंग्लिश लैंग्वेज पर जोर दिया जा रहा है। स्कूलों में छात्रों को नौ घंटे इंग्लिश लैंग्वेज पढ़ाई जाती है। इंग्लिश पढ़ाने के ये घंटे अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। एनसीईआरटी की ताजा रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली है।
एनसीईआरटी ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के तहत देशभर के राज्यों की शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया। इसके अनुसार, जम्मू-कश्मीर प्राइमरी क्लास के छात्रों को इंग्लिश पढ़ाने में अव्वल है। यहां प्राइमरी के छात्रों को सप्ताह में नौ घंटे इंग्लिश पढ़ाई जाती है। इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट राज्य सिक्किम भी पीछे नहीं है। वो सेकेंडरी क्लास के छात्रों को सप्ताह में दस घंटे और प्राइमरी के छात्रों को आठ घंटे यह लैंग्वेज सिखाता है।
वहीं, कर्नाटक में इंग्लिश कम पढ़ाई जा रही है। प्राइमरी, अपर प्राइमरी और सेकेंडरी क्लास के छात्रों के लएि सप्ताह में केवल पांच घंटे ही इस भाषा की क्लास आयोजित की जाती है। सेकेंडरी क्लास में कर्नाटक कन्नड भाषा को पहली भाषा के तौर पर पढ़ाता है। इसके बाद संस्कृत और इंग्लिश पढ़ाई जाती है। यहां कन्नड भाषा एक हफ्ते में छह घंटे पढ़ाई जाती है। महाराष्ट्र क्षेत्रीय भाषाएं पढ़ाने में सबसे आगे है।
अध्ययन में कई ऐसे राज्यों की जानकारी मिली है, जो एनसीईआरटी के केद्रीयकृत नियमों का पालन नहीं करते। केवल 15 राज्य नियम का पालन कर पढ़ाई कराते हैं। एचआरडी की कई नीतियां भी लागू नहीं है।