डेस्क : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बिहार चुनाव में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन का जिम्मा शीर्ष नेतृत्व पर फोड़ते हुए करारा हमला किया है। उन्होंने कहा कि शायद हर चुनाव में हार को ही कांग्रेस ने अपनी नियति मान ली है। राज्य में पार्टी के हार को लेकर मंथन आवश्यक है।
वहीं राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इशारों-इशारों में कहा था कि देशभर में अपने गठबंधन सहयोगियों पर कांग्रेस बोझ बनती जा रही है और यही वजह है कि हर जगह गठबंधन का खेल खराब हो रहा है। अखबार को दिए साक्षात्कार में सिब्बल ने कहा कि बिहार चुनाव व उपचुनावों में हार को लेकर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई राय सामने नहीं आया है। शायद उन्हें लगता हो कि सब ठीक है और इसे सामान्य घटना ही माना जाना चाहिए।
जब समाधान से अवगत कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इसे अपनाने से क्यों हिचक रहा? इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सीडब्ल्यूसी के सदस्य नॉमिनेटेड हैं। सीडब्ल्यूसी को पार्टी के संविधान के अनुसार, लोकतांत्रिक बनाना होगा। आप नामित सदस्यों से यह सवाल उठाने की उम्मीद नहीं कर सकते कि आखिर कांग्रेस पार्टी चुनाव दर चुनाव कमजोर क्यों होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार में विकल्प तो राजद ही है। गुजरात उपचुनाव में हमें एक सीट नहीं मिली। लोकसभा चुनाव में भी यही हाल रहा था। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को दो फीसद से भी कम वोट हासिल हुए। वहीं गुजरात में तो हमारे तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
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पार्टी के भीतर आत्ममंथन का जिक्र करते हुए निराशा जताई और कहा कि यदि छह सालों में कांग्रेस ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब कैसी उम्मीद? हमें पार्टी की कमजोरियां पता है और यह भी पता है सांगठनिक तौर पर क्या समस्या है। मेरा मानना है कि कि इसका समाधान भी सबको पता है, लेकिन पार्टी इन समाधान को अपनाने से कतराती है। यदि ऐसा चलता रहा तो ग्राफ यूं ही गिरता रहेगा। यह कांग्रेस की दुर्दशा की स्थिति है जिससे हम सब चिंतित हैं।