नई दिल्ली : हिंदू परिवारों पलायन के पेच में उलझे यूपी के कैराना में शुक्रवार को सियासी सरगर्मी उस वक्त बढ़ गई, जब प्रशासन की मनाही के बावजूद विधायक संगीत सोम की अगुवाई में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सरधना से कैराना की ओर ‘निर्भय यात्रा’ शुरू कर दी. हालांकि इलाके में धारा-144 लागू होने के कारण उन्हें थोड़ी ही देर बाद रोक दिया गया. यात्रा रोके जाने पर बीजेपी विधायक ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने हमें रोका है. ये कह रहे हैं कि धारा-144 लागू है. इसलिए हम भी यात्रा रोक रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने अखिलेश सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. सोम ने कहा कि सरकार 15 दिनों से अंदर पलायन किए गए परिवारों को सुरक्षित वापस लाए, वरना बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा. इससे पहले बीजेपी के जवाब में सपा के अतुल प्रधान के नेतृत्व में सद्भावना यात्रा को भी पुलिस ने रोक दिया. सरधना और कैराना में पहले से धारा 144 लागू है.
वहीं इस बीच यूपी सरकार में मंत्री और सपा नेता शिवपाल यादव ने बीजेपी पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हम मोदी साहब और संगीत सोम से कह रहे हैं कि जब गुजरात में दंगा हुआ था तो कितने लोग माइग्रेट कर गए थे, उनको वापस करवाया. कैराना में तो कोई पलायन हुआ ही नहीं. ये लोग चुनाव को देखते हुए माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जो कोई भी दंगा भड़काने की कोशिश करेगा, हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. शिवपाल यादव ने इंटेलिजेंस इनपुट का हवाला देते हुए कहा कि कैराना से कोई पलायन नहीं हुआ है. हम बीजेपी को माहौल खराब करने नहीं देंगे.
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह संगीत सोम ने यात्रा शुरू करने बाद कहा कि उन्हें धारा-144 के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बीजेपी विधायक ने कहा कि आप लोगों का मिजाज देख ही रहे हैं. हमें भगवान पर भरोसा है कि यह यात्रा अपने मंजिल तक जरूर पहुंचेगी. इससे पहले सरधना में बीजेपी नेता संगीत सोम के समर्थक लाठी और गंडासा लेकर उनके आवास पर पहुंचे. वे नारेबाजी भी कर रहे थे. सोम ने शुक्रवार सुबह ही कह दिया कि वह यात्रा से पीछे नहीं हटेंगे. ‘हमारा एकमात्र मकसद यूपी और कैराना के लोगों को यह बताना है कि वह सुरक्षित हैं.
कैराना मामले में बीजेपी की जांच रिपोर्ट आ गई है. पार्टी यह रिपोर्ट शुक्रवार को ही राज्यपाल राम नाइक को सौंपेगी. जबकि कैराना, दादरी और लखनऊ की कानून व्यवस्था को लेकर यूपी के राज्यपाल ने सीएम अखिलेश यादव से भी रिपोर्ट मांगी है. नाइक यह रिपोर्ट राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजेंगे.
इन सब के बीच शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी यूपी सरकार पर निशाना साधा है. द्वारकापीठ के शंकराचार्य ने बद्रीनाथ धाम में कहा कि यूपी की सरकार मुसलमानों की सरकार है और उन्हीं के भरोसे चल रही है. बहुत संभव है कि बीजेपी और सपा दोनों अपनी यात्राओं में अपने-अपने तरीके से शंकराचार्य के बयान पर सियासी जमीन तैयार करें.
दूसरी ओर, कैराना का दौरा कर चुके पांच विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने वहां से परिवारों के विस्थापन को सांप्रदायिक रंग देने पर बीजेपी पर हमला बोला है. कैराना गए नेताओं में शामिल जेडीयू सांसद और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि इलाके में कानून व्यवस्था खराब है. इस कारण बीते वर्षों में अनेक परिवार वहां से दूसरी जगह चले गए हैं और बीजेपी इसे सांप्रदायिक रंग दे रही है.
जवाब में बीजेपी राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी पहले दिन से ही इसे कानून व्यवस्था की समस्या कह रही है और विस्थापन को किसी धर्म से नहीं जोड़ा है. उन्होंने जेडीयू और आरजेडी पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें बिहार पर ध्यान केंद्रि्त करना चाहिए. शर्मा ने कहा कि हम उनके दौरे पर आपत्ति नहीं जता रहे हैं. लेकिन इन पार्टियों का शिष्टमंडल वहां माहौल बिगाड़ने के लिए गया था.