संदीप ठाकुर
नई दिल्ली। 2019 लाेकसभा चुनाव में किस्मत आजमाने वालाें में कई नामी
गरामी चेहरे ऐसे हैं जाे जमानत पर हैं। वे किसी न किसी मामले में
अभियुक्त हैं लेकिन किसी न किसी आधार पर काेर्ट ने उन्हें जमानत दे रखी
है। मसलन भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही प्रज्ञा
सिंह ठाकुर मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी हैं और अभी जमानत पर हैं।
प्रज्ञा ने खराब तबीयत का हवाला देकर जमानत ली थी और आज वह चुनाव में
पूरे दमखम के साथ मैदान में डटी हैं। वैसे जमानती उम्मीदवार का दाग सिर्फ
भाजपा प्रत्याशियाें पर ही नहीं है। सियासत के हमाम में कई नेता हैं
जिनके दामन दागदार हैं।
1. प्रज्ञा सिंह ठाकुर – मालेगांव ब्लास्ट केस
पार्टी: बीजेपी
लोकसभा सीट: भोपाल (मध्य प्रदेश)
विपक्षी: दिग्विजय सिंह (कांग्रेस)
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट
कंपनी के पास एक ब्लास्ट हुआ। इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई और करीब
80 घायल हो गए। धमाका एक बाइक में विस्फोटक छिपाकर किया गया था।
महाराष्ट्र एटीएस ने कोर्ट में बताया कि धमाके में इस्तेमाल बाइक प्रज्ञा
ठाकुर की है। फिर मामले की जांच एनआईए काे साैंपी गई।
2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाकुर को सशर्त जमानत दी। जमानत के आदेश के
मुताबिक प्रज्ञा ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही थीं और चल भी नहीं सकती थीं।
जमानत पर चल रहीं प्रज्ञा ठाकुर ने 17 अप्रैल 2019 को आधिकारिक तौर पर
बीजेपी जॉइन की और इसी दिन पार्टी ने उन्हें भोपाल लोकसभा सीट से
उम्मीदवार बना दिया। इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री
दिग्विजय सिंह लड़ रहे हैं।
2. सोनिया गांधी – नैशनल हेरल्ड केस
पार्टी: कांग्रेस
लोकसभा सीट: रायबरेली (उत्तर प्रदेश)
विपक्षी: दिनेश प्रताप सिंह (बीजेपी)
1938 में पं. नेहरू ने नेशनल हेरल्ड अखबार शुरू किया था, जिसका मालिकाना
हक एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के पास था। एजेएल अन्य अखबार भी
छापता था। 2008 में एजेएल ने अखबार न छापने का फैसला किया। अब तक एजेएल
पर 90 करोड़ रुपए कर्ज भी चढ़ चुका था। कर्ज की भरपाई के लिए ‘यंग इंडियन
प्राइवेट लिमिटेड’ बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी-राहुल गांधी की 38-38%
हिस्सेदारी है। कांग्रेस से ‘यंग इंडिया’ को ₹90 करोड़ का कर्ज दिया गया,
जिससे ‘यंग इंडिया’ ने एजेएल के 99% शेयर खरीद लिए। बाद में कांग्रेस ने
‘यंग इंडिया’ का ₹90 करोड़ का कर्ज भी माफ कर दिया। मोटा-माटी नतीजा यह
हुआ कि ‘यंग इंडियन’ को लगभग फ्री में एजेएल का स्वामित्व मिल गया। इस
गड़बड़झाले काे सुब्रमण्यन स्वामी कोर्ट में ले गए थे। दिल्ली की
पटियाला हाउस कोर्ट ने 19 दिसंबर 2015 को सोनिया-राहुल को जमानत दे दी।
रायबरेली में उनके खिलाफ बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को उतारा है जो
पहले कांग्रेस में ही थे।
3. राहुल गांधी – नैशनल हेरल्ड केस
पार्टी: कांग्रेस
लोकसभा सीट: अमेठी (उत्तर प्रदेश) और वायनाड (केरल)
विपक्षी: अमेठी में स्मृति ईरानी (बीजेपी) और वायनाड में तुषार
वेल्लापल्ली (एनडीए )
एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) मामले में राहुल गांधी भी अभियुक्त
हैं। व् भी जमानत पर हैं। इस बार राहुल दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़
रहे हैं। दोनों ही सीटों पर बीजेपी ने नैशनल हेरल्ड को लेकर राहुल पर खूब
निशाना साधा। राहुल के वायनाड से लड़ने को भी बीजेपी अपनी जीत के तौर पर
प्रदर्शित कर रही है। अमेठी में उनका मुकाबला स्मृति ईरानी से है, जो
2014 में हार के बावजूद अमेठी आती-जाती रहीं। वहीं वायनाड में अनडीए ने
तुषार वेल्लापल्ली को कैंडिडेट बनाया है, जिन्होंने दोबारा वोटिंग की
मांग की थी।
4. शशि थरूर – सुनंदा पुष्कर केस
पार्टी: कांग्रेस
लोकसभा सीट: तिरुवनंतपुरम (केरल)
विपक्षी: कुम्मनम राजशेखरन (बीजेपी) और सी दिवाकरन (सीपीआई)
अगस्त 2010 में थरूर ने व्यवसायी सुनंदा पुष्कर से शादी की थी। 17 जनवरी
2014 की रात सुनंदा दिल्ली के 5 स्टार होटल लीला पैलेस में मृत पाई गईं।
पहले इसे स्वाभाविक मौत माना गया, लेकिन एम्स की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में
पता चला कि सुनंदा की मौत ज़हर से हुई थी। पुलिस ने जांच शुरू की, तो
थरूर से भी पूछताछ की गई। जुलाई 2018 में दिल्ली पुलिस ने थरूर की
न्यायिक हिरासत की मांग की, जबकि थरूर ने अग्रिम जमानत की मांग की। पुलिस
द्वारा चार्जशीट दायर होने का हवाला देते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस
कोर्ट ने 5 जुलाई 2018 को थरूर को जमानत दे दी। हालांकि, थरूर के विदेश
जाने पर कोर्ट ने रोक लगाई थी। 2014 में मोदी लहर के बीच थरूर महज़
15,470 वोटों से चुनाव जीते थे। इस बार तिरुवनंतपुरम में त्रिकोणीय
मुकाबला है।
5. कन्हैया कुमार – जेएनयू राजद्रोह केस
पार्टी: सीपीआई
लोकसभा सीट: बेगूसराय (बिहार)
विपक्षी . गिरिराज सिंह (बीजेपी) और तनवीर हसन (आरजेडी)
अफजल गुरू की फांसी को ‘न्यायिक हत्या’ मानने वाले जनेवि के कुछ छात्रों
ने 9 फरवरी 2016 को कैंपस में एक कार्यक्रम रखा। एबीवीपी की आपत्ति और
विवाद की आशंका के चलते यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इवेंट रद्द कर दिया गया।
हालांकि, इवेंट की जगह नारेबाजी हुई और टीवी पर विडियो चले कि जेएनयू
में देश-विरोधी नारे लगाए गए। 11 फरवरी 2016 को एबीवीपी की शिकायत पर
कन्हैया और उनके साथियों पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ। 12 फरवरी 2016 को
कन्हैया गिरफ्तार हुए और 26 अगस्त 2016 को उन्हें जमानत मिली। 32 साल के
कन्हैया पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। सीपीआई ने उन्हें उनके ही
गृहक्षेत्र में कैंडिडेट बनाया है।
6. पप्पू यादव – पुलिस से बदसलूकी, आचार संहिता उल्लंघन
पार्टी: जन अधिकार पार्टी
लोकसभा सीट: मधेपुरा (बिहार)
विपक्षी: शरद यादव (आरजेडी) और दिनेश चंद्र यादव (जेडीयू)
पप्पू यादव का क्रिमिनल रिकॉर्ड बेहद पुराना है। पप्पू को मार्च 2019
में दो मामलों में जमानत मिली है। पहले 19 मार्च 2019 को पुलिस से
बदसलूकी के 25 साल पुराने मामले में जमानत मिली। इस केस में पप्पू ने
प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत
में लिया गया और चार घंटे बाद उन्हें जमानत मिल गई। फिर 26 मार्च 2019 को
पप्पू को 2015 में दरभंगा में आचार संहिता के उल्लंघन मामले में जमानत
मिली। यहां भी पप्पू ने पहले सरेंडर किया, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल
गई। 2014 में आरजेडी से जीतने वाले पप्पू यादव इस बार अपनी बनाई ‘जन
अधिकार पार्टी’ से चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में उन्होंने मधेपुरा में
जेडीयू के शरद यादव को हराया था।