पटना. नीतीश कुमार के एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिए जाने के बाद बिहार की राजनीति में खलबली मची हुई है. सत्ता में सहयोगी पार्टी राजद को नीतीश कुमार का रामनाथ कोविंद का समर्थन करना बहुत अखर रहा है. अब तक राजद के पार्टी कार्यकर्ता ही नीतीश कुमार के खिलाफ बयान देते रहे हैं लेकिन रविवार को बिहार की राजनीति में तब भूचाल आ गया जब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ा बयान दे डाला. इससे जेडीयू कार्यकर्ता काफी नाराज हैं.
गौरतलब है कि नीतीश ने 24 जून को कहा था कि क्या बिहार की बेटी को हारने के लिए उतारा गया है. नीतीश के इस बयान के खिलाफ बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा- “मैदान में उतरने से पहले कोई कैसे कह सकता है कि कौन जीतेगा कौन हारेगा. हमारी लड़ाई विचारधारा से है.”
राजद नेताओं की लगातार बयानबाजी के बाद अब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर से आये इस बयान पर जदयू ने पलटवार किया है. जदयू ने साफ कर दिया है कि पानी सिर के ऊपर से गुजर रहा है और निर्णय लेने का समय जल्द आयेगा.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के बयान को पार्टी गंभीरता से ले रही है. महागठबंधन के लिए ऐसा बयान उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर जदयू ने जो निर्णय लिया, उसे स्वीकार करना चाहिए था. जदयू के निर्णय पर बौखलाहट किस बात की है, यह पता नहीं चलता है. राष्ट्रपति पद के लिए प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी के समय हमने जो फैसला लिया और उस पर कायम भी रहे.
उन्होंने कहा कि जो भी बयान आ रहे हैं, उनमें हैरानी वाली चीजें दिख रही हैं. वे राष्ट्रपति चुनाव को किस रूप में देख रहे हैं, इस पर हैरानी व आश्चर्य भी हो रहा है. राष्ट्रपति चुनाव को किसी दलीय सीमा में बांधना सही नहीं है. Ryan Seacrest’s Becoming by Michelle Obama Flyaway Sweepstakes
जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद रोज-रोज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ पार्टी नेताओं के बयान दिलवा रहे हैं. जदयू के एक पंचायत स्तर के नेता ने भी आज तक लालू प्रसाद के खिलाफ कुछ नहीं कहा है, जबकि राजद के नेता लगातार जदयू के नेता पर हमला करते रहते हैं और यह सब लालू प्रसाद चुपचाप देखते व सुनते हैं. अब यह बरदाश्त नहीं किया जायेगा.