नई दिल्ली : दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आईएस का खूंखार आतंकवादी अबु मुहम्मद अल अदनानी मारा गया है. दरअसल आईएस प्रमुख बगदादी के जिस खूंखार चेहरे को दुनिया जानती थी, उस चेहरे के पीछे अल अदनानी ही था. अदनानी का मारा जाना आईएस की रीढ़ की हड्डी का टूटने जैसा है.
सीरिया का रहने वाला अल अदनानी शुरू से ही अमेरिका के खिलाफ रहा है. आईएस में शामिल होने से पहले अदनानी अलकायदा के आतंकी जरकावी का करीबी था. जरकावी के मारे जाने के बाद 2005 में अदनानी भी अमेरिकी सेना के हाथ लग गया था. सकरीब 5 साल तक अमेरिकी मिलिट्री कैंप में रखने के बाद 2010 में उसे छोड़ दिया गया.
रिहा होने के बाद वो आईएस का प्रवक्ता बन गया और 2014 तक वो बगदादी का सबसे करीबी बन गया. अदनानी को बगदादी से भी ज्यादा खूंखार माना जाता था. इसीलिए बगदादी के बेहद करीबी इस आतंकी के मारे जाने को आईएस के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है.
खबरों के मुताबिक अल अदनानी को सीरिया में मार गिराया गया . सीरियाई शहर अल-बाब में आईएस के खिलाफ चल रहे सैनिक अभियान के दौरान ही अदनानी को निशाना बनाया गया.
आईएस को खत्म करने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सेनाएं लगातार सीरिया पर हमले कर रही हैं. इन हमलों से बौखलाए आईएस ने सैन्य अभियान के खिलाफ एक मिशन शुरू किया था. अदनानी खुद इस मिशन की कमान संभाले हुआ था. आईएस की अमाक न्यूज एजेंसी के मुताबिक अदनानी जब मारा गया उस वक्त वो इसी मिशन का जायजा लेने के लिए निकला था.
आईएस का नंबर 2 आतंकवादी अदनानी अमेरिका की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर था. अदनानी के सिर पर 50 लाख डॉलर यानी करीब 34 करोड़ रुपए का इनाम था. आपको बता दें कि पेरिस से लेकर बांग्लादेश तक कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरप्लान अदनानी ने ही तैयार किया था.
पुलिस की गिरफ्त में आए आईएस के एक लड़ाके के मुताबिक अदनानी हर महीने एक मीटिंग करता था. इस मीटिंग में आईएस के सभी खौफनाक वीडियो उसके सामने होते थे. उन्हें देखकर वो तय करता था कि किस वीडियो को सबसे ज्यादा प्रचारित करना है.
वीडियो के जरिए दहशत फैलाने का मास्टरमाइंड अल अदनानी आईएस के विदेशी ऑपरेशन्स का भी इंचार्ज था. किस देश में कब औऱ कैसे आतंकी हमला करना है इसकी पूरी प्लानिगं अदनानी ही करता था.
अदनानी ने ही आईएस के लिए लोन वुल्फ अटैक यानी किसी हमले के लिए अकेले आतंकी को भेजने की रणनीति बनाई थी. फ्रांस के नीस शहर में हुआ आतंकी हमला जिसमें एक ट्रक ने भीड़ को रौंदते हुए 86 लोगों की जान ले ली, इसी रणनीति का नतीजा था.