नई दिल्ली : आतंक के इस्लामिक स्टेट का खलीफा अबू बकर अल बगदादी के निशाने पर अब भारत आ गया है है। पिछले साल ISIS ने भारत को गाय पूजकों का मुल्क बताया था। वह अब अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए भारत में स्लीपर सेल्स भटके हुए नौजवानों को बरगलाने में जुटे हैं।
बगदादी के कई एजेंट देश में फैले हुए हैं और नौजवानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं । मोहम्मद सिराजुद्दीन, राजस्थान में इंडियन ऑयल के कॉरपोरेशन में मार्केटिंग मैनेजर था, लेकिन उसकी असली पहचान है बगदादी के इंडिया एजेंट की है । सिराजुद्दीन इंटरनेट पर ISIS के लिए भारतीय नौजवानों की भर्ती करता था। बेंगलुरु में एक बड़ी आईटी कंपनी में इंजीनियर मेहदी मसरुर बिस्वास भी ऐसे ही बगदादी का इंडिया एजेंट है। मेहदी आईएसआईएस के लिए शमी विटनेस नाम से ट्विटर हैंडल चलाता था। 24 साल का अरीब फयाज इंटरनेट पर आईएसआईएस के जेहादी अभियान से प्रभावित होकर बगदादी का इंडिया एजेंट बन गया। तीन साथियों के साथ इस्लामिक स्टेट की खातिर लड़ने के लिए वह इराक चला गया था। अरीब मजीद बगदादी के बहकावे में आने वाले शुरुआती हिंदुस्तानी नौजवानों में था।
गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी तक 23 भारतीय नौजवान ISIS से जुड़ चुके थे। ISIS की तरफ से लड़ते हुए 6 भारतीयों की मौत हो चुकी है। कुल 80 लड़कों ने ISIS मे शामिल होने के लिए अब तक देश छोड़ा है। आईएसआईएस का ये जाल बड़ा खतरा है, लेकिन सरकार भी बगदादी के इस हमले से निपटने के लिए तैयार है। इस मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि आईएसआईएस किसी खास देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। भारत आईएसआईएस के प्रति चौकस है।
गौरतलब है कि बगदादी का जेहाद सिर्फ अपने तरह के मुसलमानों की दुनिया चाहता है। बगदादी शिया और सूफी मसुलमान समेत वो दूसरे सभी धर्मों को खत्म कर देना चाहता है। इसीलिए, गाय पूजकों पर हमला करने के बहाने वो कश्मीर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में भेदभाव पैदा करना चाहता है, जिसे लेकर सेना के बड़े कमांडर भी पिछले साल चिंता जता चुके हैं।
भारत पर बगदादी के निशाने की एक वजह इस्लामिक स्टेट का खोरासन तक खलीफाशाही कायम करने का सपना भी है। दरअसल खोरासन का शाब्दिक अर्थ होता है उगते सूरज की धरती। खोरासन वो प्राचीन इलाका है जिसमें अफगानिस्तान का हेरात और बालखंड, ईरान के मशाद और निशापोर, तुर्कमेनिस्तान के मेरी और निसा शहर और उजबेकिस्तान के बुखारा और समरकंद है। इसके प्राचीन इलाके में भारतीय उपमहाद्वीप के कई इलाके आते हैं। उनमें सिंध के साथ-सात हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला भी आती है। इसीलिए साल 2014 में ISIS ने जब खलीफाशाही का ऐलान किया तो उसने जो नक्शा जारी किया उसमें गुजरात से लेकर उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े हिस्से को भी ISIS के इस्लामिक राज का हिस्सा बताया गया था।