नई दिल्ली : दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने बुधवार को कहा कि भारत जब तक अपना खुद का चिप्स नहीं बनाएगा तब तक डेटा के मामले में सुरक्षित नहीं रह सकता है और रॉयल्टी भुगतान में होने वाले अत्यधिक खर्च को नहीं बचा सकता है।
उन्होंने महत्वपूर्ण सूचना व संचार प्रौद्योगिकी में भारत के अग्रणी बनने की आवश्यकता पर बल दिया।
वह एक कार्यक्रम के मौके पर बोल रही थीं। कार्यक्रम में भारत के पहले सेमीकंडक्टर चिप्स से पर्दा हटाया गया। दूरसंचार केंद्रों के लिए 4जी/एलटीई और 5जी एनआर मॉडेम के वास्ते चिप्स का विनिर्माण बेंगलुरू की कंपनी सिग्नलचिप ने की है।
इन चिप्स के विनिर्माण से भारत उन विशिष्ट देशों के समूह में शामिल हो गया है, जो अपनी इस मौलिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं।
सिंगलचिप के संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमांशु खसनिस ने कहा कि कंबाइंड मल्टी-स्टैंडर्ड सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) कम कीमत के छोटे इंडोर सेल से लेकर उच्च निष्पादन वाले प्रधान केंद्रों के व्यापक कारकों के लिए आधारभूत केंद्र की सेवा प्रदान करेगा।