कोझिकोड : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अचानक यह घोषणा की कि भारत जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते का दो अक्तूबर को अनुमोदन करेगा जो वैश्विक ग्लोबल वार्मिंग पर नियंत्रण के अंतराष्ट्रीय स्तर संबंधी उपायों को लागू करने में गति प्रदान करेगा।
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सीओपी21 के संबंध में एक कार्य शेष है। इसका अनुमोदन करना अभी बाकी है और भारत में ऐसा करना बाकी है। आज दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर मैं यह घोषणा करता हूं कि दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर भारत इसका अनुमोदन करेगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस दिन को इसलिए चुना क्योंकि महात्मा गांधी का जीवन न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन का उदाहरण है।
पिछले दिसंबर में पेरिस जलवायु बैठक के दौरान 190 से अधिक देशों ने ग्लोबल वार्मिंग पर लगाम लगाने के लिये महत्वाकांक्षी सीमा का लक्ष्य तय करने पर सहमति व्यक्त की थी। पेरिस समझौता के लागू होने के लिए कम से कम 55 देशों से इसके अनुमोदन की जरूरत है जो 55 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के जिम्मेदार हैं। सीओपी21 के निर्णय के अनुमोदन की जरूरत की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण कई तटीय देशों और शहरों पर खतरा मंडरा रहा है। यहां तक कि केरल का यह इलाका भी एक तटीय क्षेत्र है।
अमेरिका समेत पश्चिमी देश इस समझौते के जल्द अनुमोदन का समर्थन कर रहे हैं। भारत इसके लिए राष्ट्रीय प्रक्रिया पूरा करने के वास्ते और समय मांग रहा है क्योंकि उसे आशंका है कि जल्दबाजी में कोई निर्णय करने से उसकी विकास परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।