नई दिल्ली : मोदी सरकार ने भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि कश्मीर पर वह ‘आत्म विनाशकारी’ और ‘आत्मघाती नीति’ से बाज आए वरना इस्लामाबाद को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा। कश्मीर में हिंसा की घटनाओं पर संसद के निचले सदन लोकसभा में नियम-193 के तहत चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अकबर ने कहा कि कश्मीर घाटी में हिंसा की वर्तमान घटना की जड़ें देश के निर्माण से जुड़ी है। यह लड़ाई भूगोल से ज्यादा विचारधारा की है। यह लड़ाई इस बात पर है कि क्या एक राष्ट्र सिद्धांत रहे या द्विराष्ट्र सिद्धांत।
कश्मीर में अशांति के वर्तमान वातावरण को अस्थायी बताते हुए विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जुबान, ईमान और यकीन साफ है। उन्होंने पाकिस्तान से दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते। अकबर ने कहा कि भारत हमेशा पड़ोसी देश से बातचीत का पक्षधर रहा है और हम अच्छे पड़ोसी के तौर पर और भाईचारे के साथ पाकिस्तान को बताना चाहते हैं कि वह आंखें खोल ले।
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर की लड़ाई धर्म के नाम पर लोगों को बांटने, धर्म के नाम पर लोगों को दो करने की है। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि कुछ लोग एक आतंकवादी को हीरो के रूप में पेश कर रहे हैं। मुठभेड़ में मारे गये इस आतंकी पर 15 इल्जाम थे, हत्या के आरोप थे। सुरक्षा बलों को मारने के, सरपंचों और नागरिकों की हत्या करने के थे। इसने केबल कंपनियों को भी तबाह किया था।
अकबर ने कहा कि बहुत से नौजवान गुमराह हो गये हैं। हम उन्हें समझा सकते हैं। हमें आज के वातावरण को स्थाई नहीं समझ लेना चाहिए। पूरी सच्चाई तो कश्मीरियत में, वहां की इंसानियत में है, यही हमारी राष्ट्रीयता भी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का रूख सालों से ही कश्मीर पर जंग का रहा है। 1965 की लड़ाई में मुंह की खाने के बाद जब पाकिस्तान को जीत की कोई संभावना नजर नहीं आई तो उसने आतंकवाद का रास्ता अपनाया और 80 के दशक से ही आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है।
अकबर ने कहा कि वाजपेयी सरकार के समय आगरा शिखर वार्ता में पहली बार यह लकीर खीची गई कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहेगा, बातचीत नहीं होगी। तब उन्होंने इसकी प्रतिबद्धता जताई।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत में भी पाकिस्तान की ओर से इस बाबत प्रतिबद्धता जताई गयी। लेकिन उसका उल्लंघन होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने वाजपेयी जी की लिखी उस लकीर को पत्थर पर लिख दिया है।’
उन्होंने कहा कि पेशावर में आतंकी हमले में स्कूली बच्चे मारे गये तो हमने भी शोक मनाया था लेकिन अब जब आतंकवादी बुरहान मारा जाता है तो वे काला दिवस मनाते हैं। हम इसे खामोशी से नहीं सहेंगे।’ अकबर ने पाकिस्तान के लिए चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि हम तो हमेशा बातचीत से समाधान के पक्षधर रहेंगे लेकिन अगर आप नहीं संभले तो हम तो जंग को संभाल लेंगे, आप नहीं संभाल सकेंगे। हम अच्छे पड़ोसी के तौर पर और भाईचारे में आपको बताना चाहते हैं कि आंखें खोल लीजिए।