नई दिल्ली : सौ सालों में पहली बार भारत में वायु प्रदूषण का स्तर चीन से अधिक हो गया है। यह जानकारी नासा उपग्रह से मिले आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर सामने आई है।
ग्रीनपीस ने एक बयान में कहा कि चीन द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए साल दर साल अपनाए गए उपायों की वजह से यहां की आवोहवा में थोडा सुधार हुआ है जबकि भारत का प्रदूषण स्तर पिछले दशक में धीरे-धीरे बढ़कर अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत में है। ग्रीनपीस की राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक रैंकिंग रिपोर्ट में भारत के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक वाले 17 शहरों में 15 शहरों का प्रदूषण स्तर भारतीय मानकों से कहीं ज्यादा है।
भारत का राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक नेटवर्क के पास 39 चालू निगरानी स्टेशन हैं जो चीन के 1500 स्टेशन की तुलना में लगभग नगण्य से है। उपग्रह से ली गयी तस्वीरें बताती है कि 2005 से 06 तक भारत में पूर्वी चीन की तुलना में काफी कम वायु प्रदूषण था। 2015 में भारत में प्रदूषण का स्तर चीन से ज्यादा हो गया।
ग्रीनपीस के अनुसार ये आवश्यक है कि राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को हासिल करने के लिए समय.सीमा तय की जाए और लंबी अवधि के साथ.साथ तत्काल अंतरिम उपाय लागू किए जाएं।भारत.चीन प्रदूषण को लेकर ग्रीनपीस ने कहा जहां सरकार द्वारा मजबूत नियम लागू करके लोगों के हित में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सका है।
भारत सरकार को वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचने के लिए आवश्यक योजना बनाने की जरूरत है। भारत में वायु प्रदूषण के संकट को कम करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं जैसे कि ऑड-इवन नीति कार फ्री डे और थर्मल पावर प्लांट के उत्सर्जन पर कठोर मानक शामिल हैं।