नई दिल्ली : भारत में हर दिन लाखों करोड़ों लोगों को दो जून की रोटी नसीब नहीं होती. फिर भी भारत जैसे देश में खाने की बर्बादी दोनों हाथों से होती है. ताजा रिपोर्ट कहती है कि हम जितना एक साल में बर्बाद कर देते हैं, उतना ब्रिटेन उगा भी नहीं पाता.
शादी समारोह हो या फिर रेस्त्रां में खाना. खाना छोड़ने की बुरी आदत एक आम बात है. लेकिन यही आम सी लगने वाली बात पर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. भारत में हर साल 67 लाख टन खाना बर्बाद हो जाता है.
कृषि मंत्रालय की फसल अनुसंधान इकाई सिफेट ने ये रिपोर्ट दी है. भारत में हर साल जितना खाना बर्बाद होता वो ब्रिटेन के राष्ट्रीय उत्पादन से ज्यादा है. साथ ही इतना खाना बिहार के लिए साल भर के लिए काफी होता. स्टडी के मुताबिक बर्बाद हुए खाने की कीमत 92 हजार करोड़ रुपये है. ये रकम भारत सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के तहत खर्च की जाने वाली रकम का दो-तिहाई है.
रिपोर्ट बताती है कि फल, सब्जियां और दालें सबसे ज्यादा बर्बाद होती हैं. अनाज का सड़ना, कीट, मौसम और स्टोरेज की कमी बर्बादी के सबसे बड़े कारण हैं. अगर बात फसलों की करें तो 10 लाख टन प्याज खेतों से मार्केट में आने के रास्ते में ही बर्बाद हो गया. वहीं 22 लाख टन टमाटर भी रास्ते में ही खराब हो गए. इसी तरह से 50 लाख अंडे कोल्ड स्टोरेज में सड़ गए.
इस तरह कृषि उत्पादों की बड़ी मात्रा खाने की थाली तक पहुंच से पहले ही बर्बाद हो जाती है. तीन साल पहले संयुक्तउ राष्ट्र ने भी कहा था कि भारत में चीन के बाद सबसे ज्यादा अनाज बर्बाद होते हैं.