रियाज अहमद अंसारी : हैदराबाद नगर निगम के चुनाव के लिए मतों की गिनती जारी है। ताज़ा अपडेट्स के मुताबिक़, बीजेपी और तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस के बीच काफी देर तक चले कड़े मुक़ाबले के बाद टीआरएस आगे निकल गई है। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का प्रदर्शन शानदार रहा है। एक दिसंबर को हुए चुनाव में 74.67 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से केवल 34.50 लाख (46.55 प्रतिशत) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
यह चुनाव भले ही नगर निगम का हो, लेकिन जिस आक्रमकता से बीजेपी यहां चुनाव लड़ी है, उससे पूरे देश की निगाहें इस पर हैं। चुनाव प्रचार के लिए पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को छोड़ अपनी पूरी फौज उतार दी। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े चेहरों को बीजेपी ने रण में प्रचार के लिए उतारा था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 30 स्थानों पर मतगणना केन्द्र बनाए गए हैं। 8,152 कर्मियों को मतगणना कार्य में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि मतगणना की पूरी प्रक्रिया को प्रत्येक मतगणना केन्द्र में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों में कैद किया जाएगा। चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल किया गया था, लिहाजा नतीजों के बारे में रात तक तस्वीर साफ हो पाएगी।
पिछले चुनावों में बीजेपी को मिली थीं 4 सीटें बता दें कि एक दिसबंर को यहां 150 सीटों पर वोट डाले गए थे। पिछले चुनाव में बीजेपी को सिर्फ चार और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 44 सीटें मिलीं थीं। बीजेपी ने बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव को हैदराबाद निकाय चुनाव का प्रभारी बनाकर भेजा था।
भाजपा यहां अपना जनाधार बढ़ाने के लिए एआईएमआईएम को उसके घर में घेरना चाहती है। बीजेपी ने इस चुनाव को राष्ट्रीय स्तर का बना दिया था। पार्टी ने अपने तमाम बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की भी कोई कोशिश बाक़ी नहीं छोड़ी। माना जा रहा है कि यह चुनाव 2023 में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव का सेमीफ़ाइनल हैं और बीजेपी की नज़र मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।