सूरत : महात्मा गांधी के पौत्र एवं नासा के पूर्व वैज्ञानिक कानु रामदास गांधी का सोमवार शाम एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनके एक सहयोगी ने यह जानकारी दी. कानु की उम्र 87 साल थी. उनकी पत्नी का नाम शिवालक्ष्मी है. उनकी कोई संतान नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कनु भाई के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि मैं महात्मा गांधी के पोते कनुभाई के देहांत की खबर से दुखी हूं. उनके साथ की गई बहुत सी बातें मुझे याद आ रही हैं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.
कानु पूरी दुनिया में अपने बचपन की उस तस्वीर की वजह से भी जाने जाते थे जिसमें उन्हें 1930 में ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह में दांडी गांव तक निकाली गई यात्रा में महात्मा गांधी की लाठी को पकड़कर उन्हें आगे ले जाते देखा जा सकता है. यह तस्वीर अनगिनत संग्रहालयों में आज भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है.
कानु के गहरे मित्र धीमंत बधिया ने आईएएनएस को बताया कि 22 अक्टूबर को कानु को दिल का दौरा पड़ा था और मस्तिष्काघात हुआ था. इसकी वजह से उनके शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था. वह कोमा में चले गए थे.