न्यूयॉर्क : पुलवामा आत्मघाती हमले व इससे पैदा हुए क्षेत्रीय तनाव के मद्देनजर अमेरिकी नेताओं से मुलाकात करते हुए भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने भारत के आतंकवाद से लड़ाई में अमेरिका के कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के दृढ़ संकल्प का आह्वान किया है।
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की मांग के तहत आतंकवाद उनकी वार्ता का केंद्र था। उन्होंने इस पर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और अन्य प्रशासन के अधिकारियों और कांग्रेस के नेताओं के साथ अपनी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे में बातचीत की। यह दौरा बुधवार को समाप्त हुआ।
बोल्टन ने बुधवार की अपनी बैठक के बाद ट्वीट किया, आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिका कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि ठीक वही संदेश देते हुए पोम्पियो ने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने व पाकिस्तान द्वारा उसकी धरती पर संचालित हो रहे आतंकवादी समूहों के खिलाफ सार्थक कार्रवाई करने की जरूरत बताई।
बोल्टन ने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी साझा दृष्टिकोण के तहत बनाई जा रही है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाएं, जहां वह दोनों देशों को चीन के प्रभुत्व के खिलाफ लोकतंत्र की रक्षा के तौर पर देखते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को प्रत्यक्ष रूप से चुनौती पेश किए बिना इस भूमिका को सावधानीपूर्वक अपनाया है। भारत व अमेरिका ने क्षेत्र के दो प्रमुख लोकतंत्र आस्ट्रेलिया व जापान के साथ बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाया है।
एक संयुक्त बयान जारी कर कहा गया, अमेरिका व भारत ने क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत करने में संयुक्त नेतृत्व के महत्व व भारत-प्रशांत के अन्य भागीदारों के साथ संयोजन की पुष्टि की।
गोखले से मुलाकात के बाद हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव सबकमेटी ऑन एशिया, द पैसेफिक व नॉन-प्रोलिफेरेशन के चेयरमैन ब्रैड शर्मन ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों में अमेरिका की भूमिका पर चर्चा की।
पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकवादी समूह के 14 फरवरी को पुलवामा में हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान पोम्पियो ने फोन पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात कर बढ़ती शत्रुता को कम करने का प्रयास किया।
उन्होंने पाकिस्तान पर भारतीय पायलट अभिनंदन वर्धमान को रिहा करने का दबाव बनाया। हवाई लड़ाई के दौरान मिग-21 को मार गिराए जाने के बाद पाकिस्तान ने अभिनंदन को बंधक बनाया था।