पटना : बिहार और खासकर पटना में बाढ़ ने लोगों को चिंतिंत किया हुआ है. पटना शहर पर गंगा के कहर का खतरा बना हुआ है. नदी से सटे कई इलाकों में पानी भर गया है. जलस्तर आज और ज्यादा होने की आशंका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा में बाढ़ के लिए फरक्का बराज को जिम्मेदार बताया है. नीतीश ने केंद्र से मांग की है कि बाढ़ रोकने के लिए फरक्का प्रोजेक्ट पर सोचने की जरूरत है.
इलाहाबाद से पटना तक गंगा गरज रही है. पटना की में हजारों एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है और सैकड़ों लोग बेघर हो चुके हैं. गरजती हुई गंगा अब नदी से निकलकर पटना शहर में घुस चुकी है. पटना के रिहायशी मोहल्लों में पानी भर चुका है. हाल ये है कि लोग अपने घरों को खाली करके सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं.
बाढ़ की वजह से जंगली जानवरों की जिंदगी भी खतरे में है. बाढ के पानी में बड़ी संख्या में सांप भी लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. साल 1975 के बाद यानी 40 साल बाद ये पहली बार हुआ है कि गंगा नदी का पानी पटना के रिहायशी इलाकों में घुसा है.
1975 में पटना में गंगा का जलस्तर 52.52 मीटर रिकॉर्ड किया गया था. इसके बाद सबसे ज्यादा 1994 में 50.27 मीटर था जबकि इस बार 50.53 मीटर तक पहुंच गया है. पटना के अलावा बक्सर, छपरा, हाजीपुर, खगडिया, बेगूसराय, भागलपुर जिले के कई इलाकों में गंगा के पानी ने प्रलयंकारी रूप धारण कर रखा है.
पहाड़ी इलाकों के साथ ही, नेपाल और मध्य प्रदेश में हो रही भारी बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर अभी और बढ़ने की आशंका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल में गंगा पर बने फरक्का बांध को बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है और उसे तोड़ने की मांग की है.
फरक्का बांध पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में साल 1975 में बना था. बांध में कुल 109 गेट हैं जिसके जरिये पानी के प्रवाह को रोका जाता है. पानी रोके जाने से गंगा में भारी मात्रा में गाद जमी हुई है. जब बराज नहीं था तब पानी के धार की वजह से 200 फीट गहराई तक उड़ाही हो जाती थी. अब उड़ाही नहीं होने से नदी की गहराई कम हो गई है. जिसके कारण पानी नदी के बाहर फैल रहा है और कटाव हो रहा है.
बिहार और झारखंड की कुल जमीन पर करीब 416 किमी तक गंगा नदी बहती है. हालत ये है कि फरक्का बांध बनने के बाद से पटना-भागलपुर के दियारा इलाके में हजारों एकड़ जमीन पर सालों भर बाढ़ का पानी जमा ही रह जाता है और अब धीरे धीरे ये संकट विकराल रूप लेता जा रहा है.